सार

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Rserve Bank Of India) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें (Small Saving Scheme Interest Rate) 1.68 फीसदी ज्यादा हैं। जिसकी वजह से नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ब्याज दर कम हो सकती हैं।

बिजनेस डेस्क। फिक्स्ड डिपोजिट की बढ़ती ब्याज दरों के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने दावा किया है कि समॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरें काफी ज्यादा हैं। भारत सरकार ने 31 दिसंबर, 2021 स्मॉल सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स पर ब्याज दरों की समीक्षा की और लगातार सातवीं तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई ने अपनी स्टेट ऑफ द इकोनॉमी रिपोर्ट में कहा है कि एसएसआई पर मौजूदा ब्याज दरें वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही के फॉर्मूला-आधारित दरों की तुलना में 0.42 फीसदी से लेकर 1.68 फीसदी ज्यादा है।

हाल के महीनों में, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक सहित कुछ प्रमुख बैंकों ने फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर दिया है। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा प्राइवेट बैंक सरकारी बैंकों की तुलना में फिक्स्ड डिपोजिट दरों में ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। हाल के महीनों में, कुछ प्रमुख बैंकों ने जमा पर ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर दिया है, जिससे क्रेडिट मांग में बढ़ोतरी की आशंका है।

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कम हो सकती हैं स्मॉल सेविंग की दरें
सरकार द्वारा 31 मार्च को 2022-23 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा करने के तहत ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीद है। इन योजनाओं में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी, सुकन्या समृद्धि खाते पर 7.6 फीसदी की ब्याज दर, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 7.4 फीसदी प्रति वर्ष ब्याज दर मिल रहा है। अन्य छोटी बचत योजनाओं में 4 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ पोस्ट सेविंग अकाउंट, 5-वर्षीय पोस्ट ऑफिस रिकरिंग अकाउंट पर 5.8त्न प्रति वर्ष की ब्याज दर, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट स्कीम 5.5 फीसदी, पोस्ट ऑफिस टर्म डिपोजिट सकीम पर 6.7 फीसदी ब्याज दर, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम सेविंग स्कीम पर 6.6 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी और किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है।

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40 साल के निचले स्तर आई ईपीएफ की दरें
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दरों में चार दशक के निचले स्तर 8.1 फीसदी की कटौती की, जो पिछले वर्ष में 8.5 फीसदी थी। श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि केंद्रीय बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 (31 मार्च, 2022 को समाप्त) के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर 8.10 फीसदी वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की है।