सार
देश की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के साथ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी तैयारियों में जुट गए हैं। जिसके तहत शुक्रवार को उन्होंने प्रमुख प्राइवेट इक्विटी/वेंचर कैपिटल प्लेयर्स से मुलाकात की और सुझाव मांगे।
बिजनेस डेस्क। जैसे जैसे यूनियन बजट 2022-23 (Union Budget 2022-23) की तारीख नजदीक आती जा रही है, इसकी तैयारियां भी जोर पकड़ती जा रही है। देश की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के साथ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी तैयारियों में जुट गए हैं। जिसके तहत शुक्रवार को उन्होंने प्रमुख प्राइवेट इक्विटी/वेंचर कैपिटल प्लेयर्स से मुलाकात की और सुझाव मांगे कि भारत को कैसे इंवेस्टमेंट डेस्टीनेशन (Investment Destination) बनाया जा सकता है।
इन मुद्दों पर हुई बातचीत
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो बैठक के दौरान चर्चा भारत में व्यापार करना और आसान बनाने, अधिक पूंजी आकर्षित करने और सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के सुझावों के इर्द-गिर्द घूमती रही। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री अगले बजट से पहले इनपुट इकट्ठा करने के लिए उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर रहे हैं। मोदी ने पिछले साल नवंबर में 6 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन करने वाले 20 बड़े वैश्विक निवेशकों से मुलाकात की थी।
सत्ता के आने के बाद की हैं कई घोषणाएं
2014 में सत्ता में आने के बाद से, भाजपा सरकार ने कई सुधारों का अनावरण किया है, जिससे भारत को व्यापार करने की रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर चढ़ने में मदद मिली है। अब यह भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर जोर दे रहा है। देश में आधार स्थापित करने के लिए वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए ऑटोमोबाइल से अर्धचालक और सौर क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की गई है।
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एक फरवरी को आएगा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2022 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष का बजट 1 फरवरी को पेश करने वाली हैं। इसलिए वो भी बजट की तैयारियों के तहत अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े इंडस्ट्री के लोगों से मुलाकात कर रही है। आज उन्होंने सर्विस सेक्टर के लोगों से बात की और उनसे उनके सुझाव मांगे। उसके बाद जनवरी के आखिरी सप्ताह में इकोनॉमिक सर्वे भी जारी किया जाएगा। ताकि देश के लोगों को पता चल सके कि आखिर देश की आर्थिक स्थिति कैसी है।