सार

CoinGecko के अनुसार, ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Cryptocurrency Market Cap) 2 ट्रिलियन के निशान से नीचे रहा। वास्तव में बीते 24 घंटे में मार्केट कैप फीसदी से ज्यादा के नुकसान के साथ 1.79 ट्रिलियन पर आ गया।

बिजनेस डेस्क। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिपटोकरेेंसी बिटकॉइन की कीमत ( Bitcoin Price) आज पिछले कुछ सत्रों में अस्थिर रहने के बाद 39,000 डॉलर के स्तर से नीचे गिर गई। दुनिया की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Price) में 3 फीसदी से अधिक गिरकर 38,315 डॉलर पर कारोबार कर रही हैं।  डिजिटल टोकन (Digital Token) अब तक 2022 में लगभग 17 फीसदी गिर गया है। हालांकि, यह पिछले साल नवंबर में अपने रिकॉर्ड उच्च 69,000 डाॅलर के रिकॉर्ड स्तर से लगभग 30 फीसदी दूर है। इस बीच, CoinGecko के अनुसार, ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Cryptocurrency Market Cap) 2 ट्रिलियन के निशान से नीचे रहा। वास्तव में बीते 24 घंटे में मार्केट कैप फीसदी से ज्यादा के नुकसान के साथ 1.79 ट्रिलियन पर आ गया।

बाकी करेंसी का हाल
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन क बाद इथेेरियम की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है। दुनिया सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी 4 फीसदी से अधिक घटकर 2,545 डॉलर हो गई है। दूसरी ओर, डॉगकोइन की कीमत भी 4 फीसदी गिरकर0.12 डॉलर हो गई, जबकि शीबा इनु 5 फीसदी से अधिक गिरकर 0.000023 डॉलर हो गई। अन्य डिजिटल टोकन के प्रदर्शन में भी गिरावट आई क्योंकि टेरा, सोलाना, पॉलीगॉन में जहां तेजी देखने को मिली, वहीं वृद्धि हुई, जबकि एवालांशे, एक्सआरपी, लिटकोइन, कार्डानो, पोलकाडॉट, यूनिस्वैप की कीमतें पिछले 24 घंटों में लगभग 2-8 फीसदी की कटौती के साथ कारोबार कर रही थीं।

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इन वजहों से गिर रहे हैं दाम
रूस-यूक्रेन संकट के कारण बढ़ते जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से आई व्यापक बाजार बिकवाली के बीच क्रिप्टोकरेंसी में हालिया अस्थिरता देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर फेड के आक्रामक रवैया अपनाने से भी क्रिप्टोकरेेंसी में गिरावट देखने को मिली है। फेड साफ कर चुका है कि महंगाई से पार पाने के लिए ब्याज दरों में 7 गुना तक इजाफा करेगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने दोहराया कि वह एक कॉल कॉन्फ्रेंस में क्रिप्टो अटकलों पर अपनी कार्रवाई जारी रखेगा। देश ने पिछले मई में क्रिप्टो ट्रेडिंग और माइनिंग पर सबसे व्यापक कार्रवाई की, जिससे देश के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों और खनन कंपनियों को मजबूर होना पड़ा।