सार

कोरोना महामारी और लॉकडाउन का इंडस्ट्री और बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ा है। आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि इससे एविएशन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को एक लाख करोड़ रुपए का घाटा हो सकता है। 

बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी और लॉकडाउन का इंडस्ट्री और बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ा है। आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि इससे एविएशन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को एक लाख करोड़ रुपए का घाटा हो सकता है। लॉकडाउन की वजह से कारोबार में नुकसान होने से कई कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी घटा रही है। इन कंपनियों में देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना टाटा समूह भी शामिल हो गया है। लॉकडाउन के दौरान यात्राओं पर रोक और जरूरी चीजों का उत्पादन ठप हो जाने से टाटा समूह के इंडियन होटल्स ताज ग्रुप और टाटा एसआईए एयरलाइन्स विस्तारा को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन टाटा पावर और टाटा कम्युनिकेशन्स जैसी कंपनियों में बिजली और इंटरनेट की मांग बढ़ी है। 

सीनियर ऑफिशियल्स सैलरी कम लेंगे
मुंबई स्थित ताज महल पैलेस के स्वामित्व वाली कंपनी इंडियन होटल्स ने कहा है कि इस तिमाही में सीनियर ऑफिशियल्स अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा छोड़ेंगे। इससे कंपनी को मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन में इंडियन होटल्स को काफी घाटा हुआ है। यही वजह है कि सीनियर ऑफिशियल्स ने कम सैलरी लेने का फैसला किया है। 

कंपनी उठा सकती है कड़े कदम
इंडियन होटल्स कंपनी के सीईओ पुनीत चटवाल ने स्टाफ को एक ईमेल भेज कर कहा है कि मैनेजमेंट हर महीने स्थितियों का मूल्यांकन कर रहा है और अगर हालात ज्यादा बिगड़ते हैं तो कंपनी को कुछ कड़े फैसले लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि या तो कंपनी कर्मचारियों के वेतन में कटौती करेगी या उन्हे बिना वेतन के छुट्टी पर जाने को कहेगी।

विस्तारा के 30 फीसदी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा
टाटा समूह की एविएशन कंपनी विस्तारा भारी घाटे की समस्या से जूझ रही है। कंपनी ने अपने 4,000 कर्मचारियों में से 30 फीसदी को बिना वेतन के छुट्टी पर रहने को कहा है। यह एक गंभीर स्थिति है। इस कंपनी की प्रमोटर टाटा संस विस्तारा में कुछ और निवेश करने की योजना बना रही है, लेकिन पहले से ही नुकसान में चल रही इस कंपनी की हालत लॉकडाउन के दौरान ज्यादा खराब हो चुकी है।

टीसीएस ने रोकी 4.5 लाख कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
टाटा ग्रुप की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी टीसीएस रही है, लेकिन इसने भी अपने 4.5 लाख कर्मचारियों की सालाना वेतन वृद्धि रोक दी है। इस कंपनी के प्रबंधकों का कहना है कि अप्रैन-जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा कम हो सकता है। टाटा समूह की कंपनियों ने लागत कम करने के लिए कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करने का फैसला कर लिया है। बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक और कई दूसरी कंपनियां पहले ही ऐसा कर चुकी हैं।