सार
महाराष्ट्र के रजिस्ट्रेशन आईजी के आंकड़ों से आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर के त्योहारी महीने में 7,582 से अधिक रजिस्ट्रेशन होने के बाद, देश की वित्तीय राजधानी मुंबई के संपत्ति बाजार (Property Market) ने दिसंबर के केवल तीन हफ्तों में सौदों के 5,553 से अधिक पंजीकरण दर्ज किए हैं
बिजनेस डेस्क। देश के सबसे बड़े प्रॉपर्टी मार्केट (Property Market) मुंबई ने अपनी विकास गति को बरकरार रखा है क्योंकि घर खरीदारों ने रिकॉर्ड-कम ब्याज दरों और रियल्टी डेवलपर्स से ऑफ़र के बाद भी प्रोपर्टी में निवेश करना जारी रखा है। बाजार ने एक साल में 1 लाख रजिस्ट्रेशन के आंकड़ें को पार करते हुए 10 साल के नए शिखर को छू लिया है। दिलचस्प बात यह है कि कम स्टांप शुल्क (Stamp Duty) लाभ के विस्तार के बिना भी संपत्ति रजिस्ट्रेशन (Property Registration) की गति जारी है।
नवंबर और दिसंबर में यह देखने को मिले आंकड़ें
नवंबर के त्योहारी महीने में 7,582 से अधिक रजिस्ट्रेशन होने के बाद देश की वित्तीय राजधानी के प्रॉपर्टी मार्केट बाजार ने दिसंबर के केवल तीन हफ्तों में 5,553 से अधिक रजिस्ट्रेशन दर्ज किए हैं, जैसा कि रजिस्ट्रेशन आईजी महाराष्ट्र के आंकड़ों से पता चलता है। इन प्रोपर्टी ट्रांजेक्शन पर राज्य के खजाने को स्टांप शुल्क से 549 करोड़ रुपए और 421 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। सितंबर और अक्टूबर दोनों में रजिस्ट्रेशन गतिविधि ने भी इससे पहले एक नया मासिक शिखर हासिल किया था और अब तक का प्रदर्शन सेंटीमेंट उछाल में निरंतरता का संकेत देता है।
कम ब्याज दर और स्टांप ड्यूटी में कटौती से हुए प्रोत्साहित
नारेडको महाराष्ट्र के अध्यक्ष और रनवाल ग्रुप के एमडी संदीप रुनवाल ने कहा कि महामारी की वजह से सभी क्षेत्रों से आवास की मांग बढ़ा दी है। होमबॉयर्स को भी कम ब्याज दरों और हाल ही में स्टांप ड्यूटी में कटौती से प्रोत्साहित किया गया है। जिससे सरकारी राजस्व और संपत्ति बाजार में गिरावट आई है। होमबॉयर्स ने महसूस किया कि अचल संपत्ति खरीदने का सबसे अच्छा समय अब है और आवास बाजार को गति देने के लिए सरकार को कम दरों और करों के अपने आदेश को जारी रखना चाहिए।
प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन में 122 फीसदी की तेजी
नाइट फ्रैंक इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी-नवंबर की अवधि के दौरान प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन एक साल पहले की तुलना में 122 फीसदी अधिक है, जबकि सरकार ने जनवरी से नवंबर 2021 के बीच 5,351 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है, जैसा कि नाइट फ्रैंक इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है। रिपोर्ट के अनुसार मुंबई रेजिडेंशियल मार्केट में उपभोक्ता सेंटीमेंट में मजबूती बनी हुई है। एक साल पहले की अवधि की तुलना में विकास दर में नरमी आई है, जब बाजार सबसे कम लागू स्टांप शुल्क दर विंडो की वजह से उत्साहित था। नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, घर की कीमतों में कमी, होम लोन की ब्याज दर कम होना और नए प्रोजेक्ट लॉन्च के रूप में मांग के समर्थक घर खरीदारों को लुभा रहे हैं।
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कुछ इस तरह के देखने को मिले आंकड़ें
नवंबर 2020 में, जब राज्य सरकार द्वारा कम स्टांप शुल्क लाभ ऑफर किया जा रहा था, उस वक्त मार्केट में 9,300 से अधिक ज्यादा रजिस्ट्रेशन देखने को मिले थे। हालांकि, स्टांप शुल्क संग्रह 288 करोड़ रुपए रहा। नवंबर और दिसंबर 2019 की पूर्व-महामारी अवधि के दौरान, मुंबई की प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन की संख्या क्रमशः 6,433 और 5,574 थी। हालांकि, नवंबर और दिसंबर 2019 में स्टैंप ड्यूटी से राजस्व क्रमश: 429 करोड़ रुपए और 542 करोड़ रुपए रहा था।
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10 साल की ऊंचाई पर पहुंचा प्रॉपर्टी मार्केट
मार्च के अंत से पहले स्टांप शुल्क का भुगतान करने पर सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए चार महीने का समय दिया था। जुलाई में वह विंडो भी बंद हो गई, जिसमें मुंबई ने 10 वर्षों में सबसे अधिक प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन दर्ज किया, क्योंकि खरीदारों ने कोविड -19 महामारी के बीच बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई कम स्टांप शुल्क दर का लाभ उठाया। अगले महीने, कम स्टाम्प शुल्क के अभाव में, संपत्ति के पंजीकरण में गिरावट आई थी। केंद्रीय बैंक के कम पॉलिसी ब्याज दर पर अपना रुख बनाए रखने और आकर्षक ऑफर प्रदान करने से मासिक बिक्री के साथ फिर से गति पकड़ ली है, इसके बाद 2018 और 2019 में देखे गए प्री कोविड के लेवल को भी पार कर गया है।