सार

तीन साल पहले टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री ने रविवार को कहा कि वह टाटा समूह में लौटकर कोई पद लेने के इच्छुक नहीं हैं

मुंबई: तीन साल पहले टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री ने रविवार को कहा कि वह टाटा समूह में लौटकर कोई पद लेने के इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने देर शाम जारी एक बयान में कहा कि वह टाटा समूह के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि टाटा समूह के हित उनके या किसी भी अन्य व्यक्ति के हितों से ऊपर हैं और अधिक महत्वपूर्ण हैं।

मिस्त्री ने यह बयान ऐसे समय जारी किया है जब उच्चतम न्यायालय टाटा समूह के साथ उनके विवाद पर सुनवाई करने वाली है। मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन तथा समूह की कंपनियों के निदेशक मंडलों से निकाल दिया गया था। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने हाल ही में मिस्त्री को पुन: इन पदों पर नियुक्त करने का फैसला सुनाया था। एनसीएलएटी के फैसले को टाटा संस तथा समूह की कंपनियों ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

एनसीएलएटी का निर्णय

मिस्त्री ने कहा, ''जारी दुष्प्रचार को खत्म करते हुए मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनसीएलएटी का निर्णय मेरे पक्ष में आने के बाद भी मैं टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन तथा टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक का पद नहीं संभालना चाहता हूं। हालांकि, मैं अल्पांश शेयरधारक के नाते अपने अधिकारों की रक्षा करने और निदेशक मंडल में स्थान पाने के लिये सभी विकल्पों के साथ पुरजोर कोशिश करूंगा।''

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)