सार

कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा- लोन रिपेमेंट में मोरेटोरियम बढ़ाने और ब्याज को पूरी तरह माफ नहीं किया जा सकता। 

बिजनेस डेस्क. कोरोना संक्रमण के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगा था। जिस कारण से लोगों को आर्थिक रूप से मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस मुश्किलों के बीच लोगों को एक और झटका लगा है। जो लोग लोन की EMI के पेमेंट में राहत की उम्मीद कर रहे थे सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मायूस किया है। सुप्रीम कोर्ट ने EMI में छूट के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है।

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पूरी तरह से नहीं कर सकते माफ
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा- लोन रिपेमेंट में मोरेटोरियम बढ़ाने और ब्याज को पूरी तरह माफ नहीं किया जा सकता। याचिका दायर करने वाले ने जो राहत मांगी थी वह नीति निर्माण के दायरे में आती है। हम वित्तीय के मामलों के एक्सपर्ट नहीं हैं। सरकार को नीतियों के बारे में निर्देश देना उनका काम नहीं है। सरकार के पास कई काम हैं लोगों को वैक्सीन लगवाना हो या फिर प्रवासी मजदूरों का ख्याल रखना।

क्या है याचिका में
याचिका लगाने वाले ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से होने वाले आर्थिक नुकसान को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में राहत मांग की थी। याचिका में आर्थिक और रोजगार के नुकसान के कई कारण भी बताए गए थे। इस मामले में कोर्ट ने 24 मई को सुनवाई करते हुए 11 जून तक के लिए टाल दी थी। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इससे जुड़ी कई याचिकाओं को खारिज किया था।

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पहले लॉकडाउन के दौरान मिली थी राहत
कोरोना संक्रमण की पहली लहर में देश भर में मार्च 2021 में लॉकडाउन लगाया था। इस दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मोरेटोरियम की घोषणा की थी जिससे लोगों को राहत मिली थी।