सार
देश में हाइड्रोजन कार लॉन्च हो चुकी है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के गैराज में ये मौजूद है। यह भविष्य की कार है, लेकिन इसके लिए ईंधन कहां मिलेगा, ये सवाल सभी के मन में है। देश में ऐसी गाड़ियों के लिए ईंधन का उत्पादन यहीं होगा। इसके लिए MEIL ने 35 मिलियन यूरो के निवेश को मंजूरी दी है।
बिजनेस डेस्क। पिछले दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी संसद में (Nitin gadkari in Parliamnet) अपनी हाइड्रोजन कार (Hydrogen car) से पहुंचे। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol Price hike) के बीच हाइड्रोजन कार चर्चा में है, लेकिन इसके लिए देश में हाइड्रोजन का उत्पादन भी जरूरी है। अब ऐसे वाहनों के लिए हाइड्रोजन उत्पादन को बड़े पैमाने पर शुरू किया जा रहा है। इटली की कंपनी ड्रिलमेक (Drillmec) भारत स्थित अपनी मूल कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) के साथ मिलकर देश में हाइड्रोजन उत्पादन करेगी।
MEIL के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) के क्षेत्र में 35 मिलियन यूरो (2.93 अरब रुपए) से अधिक का निवेश करने की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रोलिसिस, पायरोलिसिस जैसे आधुनिक तरीकों से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। इस योजना के लिए ड्रिलमेक ने इड्रोजेना नाम की कंपनी बनाई है। यह स्टार्ट-अप अल्ट्रा क्लीन हाइड्रोजन के उत्पादन और इसके औद्योगिक उत्पादन के लिए आवश्यक पायरोलाइटिक कनवर्टर के रिसर्च और डेवलपमेंट पर काम करेगी।
Co2 के उत्सर्जन बिना बनाएंगे हाइड्रोजन
30 से अधिक वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही इड्रोजेना की टीम द्वारा डिजाइन किए गए कन्वर्टर्स पायरोलिसिस द्वारा बिना किसी प्रदूषक के उपयोग के हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकते हैं। 120 साल से इंतजार कर रही यह प्रक्रिया वाकई में क्रांति लाने वाली है। यह कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित किए बिना हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी। कनवर्टर द्वारा सीधे ईंधन स्टेशनों पर हाइड्रोजन का उत्पादन इसके स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करता है। इसके साथ ही यह यात्रा के दौरान हाइड्रोजन के जोखिम को भी खत्म करता है।
नेटवर्क, ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज का झंझट नहीं
ड्रिलमेक एसपीए के सीईओ (CEO) साइमन ट्रैविसानी ने कहा, हमें भारत में नई पहलों की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। हम सामाजिक और पर्यावरणीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा उत्पादन को विकसित करने का प्रयास करेंगे। इस प्रक्रिया के तहत हाइड्रोजन वितरण नेटवर्क की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वितरण नेटवर्क स्थापित करना हमेशा मुश्किल होता है। ड्रिलमेक एसपीए के निदेशक मंडल के अध्यक्ष श्रीनिवास बोमारेड्डी ने कहा कि मैं इस नई पहल के लिए टीम को बधाई देता हूं और तेजी से विकसित हो रही हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में टीमकी सफलता की कामना करता हूं।
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सार्वजनिक परिवहन की जरूरतों को करेगी पूरा
कंपनी के मुताबिक इस तकनीक से समान लागत पर कम दबाव पर काम करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकता है। इसके लिए ज्यादा ट्रेनिंग की भी जरूरत नहीं है और यह उपयोग करने के लिए सुरक्षित होगी। यह किसी भी प्रदूषक का इस्तेमाल किए बिना बनाई जाएगी और कोई अपशिष्ट भी नहीं निकलेगा। उत्पादित हाइड्रोजन औद्योगिक उपयोग और स्थानीय सार्वजनिक परिवहन की जरूरतों को पूरा कर सकता है।
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