सार
इस खबर ने इंटरनेशनल मीडिया में सनसनी मचाई हुई है। लड़के का नाम है अलेक्जेंडर फ्रिडमैन वो रूस के 11 वें सबसे अमीर व्यक्ति का बेटा है। पर अलेक्जेंडर 500 डॉलर महीना के एक किराए के मकान में रहता है।
नई दिल्ली. रूस से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मिखाइल फ्रिडमैन फ्रांस के एक अरबपति बिजनेसमैन हैं। वो 13.7 डॉलर के मालिक हैं पर उनका बेटा एक छोटे से किराए के मकान में जिंदगी गुजार रहा है। अमीर बाप की औलाद होने के बावजूद भी ये 19 साल का लड़का गरीबों की जिंदगी जीने को क्यों मजबूर है बस इसी बात पर बवाल मचा हुआ है।
इस खबर ने इंटरनेशनल मीडिया में सनसनी मचाई हुई है। लड़के का नाम है अलेक्जेंडर फ्रिडमैन वो रूस के 11 वें सबसे अमीर व्यक्ति का बेटा है। पर अलेक्जेंडर 500 डॉलर महीना के एक किराए के मकान में रहता है। मास्को के बाहरी इलाके में दो कमरों का फ्लैट ही उसका घर है जहां वो रहता है, खुद से खाना बनाकर खाता और मेट्रो आदि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अपने काम पर जाता है।
वजह आपको चौंका देगी
सुनकर कोई भी हैरान हो सकता है जिस अरबों के मालिक लड़के के घर गाड़ियों की लंबी लाइन लगी है, बंग्ला है गाड़ियां हैं, नौकर-चाकर हैं। जो दुनिया खरीदने की औकात रखता है वो ऐसी जिंदगी जीने को क्यों मजबूर हैं? पर इसकी वजह ने भी सबको चौंका दिया है। यहां तक कि जब लड़के के पिता को वजह पता चली तो वो खुद सन्न रह गए।
नहीं चाहिए नौकर-चाकर
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, अलेक्जेंडर के पिता 13.7 डॉलर के मालिक हैं। पर वो बाप के पैसों पर जीना नहीं चाहता। यही एकमात्र कारण है कि वो कहता है, "मैं खुद से पैसा कमाना चाहता हूं, खुद से खाना जीना, सोना, कपड़े पहनना ये सब मेरी अपनी जरूरतें हैं जिन्हें मैं खुद पूरा कर रहा हूं।"
अकेले के दम पर शुरू की कंपनी
जूनियर फ्रिडमैन लंदन के एक हाई स्कूल से ग्रेजुएट हैं और पिछले साल ही वो मास्को लौटकर आए हैं। पांच महीने पहले ही उसने पांच लोगों के साथ मिलकर अपना खुद का हुक्का का बिजनेस शुरू किया है। अलेक्जेंडर ने 405,000 के रिवेन्यू के साथ एसएफ डेवलपमेंट कंपनी शुरू की जो मॉस्को में रेस्टोरेंट्स को हुक्का उत्पादों का वितरण करती है। इसके अलावा वो अगले महीने ब्लॉगरपास नाम की एक ऑनलाइन मार्केटिंग फर्म की की शुरुआत करने वाले हैं।
पिता की मदद के बिना सीखूंगा बिजनेस
जूनियर फ्रिडमैन अपने पिता की मदद के बिना बिजनेस में सफल होना चाहते हैं। वे अभी से अपने दम पर बाजार में बढ़त बना रहे हैं। एक सिकंदर की तरह वो अपने कनेक्शन और नेटवर्क बढ़ाता जा रहा है। अलेक्जेंडर की कंपनी एसएफ डेवलेंट अन्य ग्राहकों के अलावा पिता फ्रिडमैन की खुदरा दुकानों में भी उत्पादों को वितरित करती है। अलेक्जेंडर का मानना है कि, जब वो बिजनेस के दांव-पेंच सीख जाएंगे तो लोग उन्हें सिर्फ एक अरबपति पिता के बेटे के तौर पर नहीं देखेंगे।
रूस में अमीर बच्चों की होती है बल्ले-बल्ले
बहरहाल देखा जाए तो रूस अभी भी एक ऐसा देश है, जहां बिजनेसमैन अधिकतर का अपना सबकुछ और काम अपने बच्चों को सौंप देते हैं या उन्हें साथ काम सिखाते हैं ताकि उन्हें रूस में व्यापार करने की बारीकियां सिखाई जा सकें।
पिता ने की संपत्ति दान करने की बात
पर अलेक्जेंडर कुछ अलग करने की सोच लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अलेक्जेंडर ने अपने सपनों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, "मेरे पिता ने मुझे बताया कि हमारे देश में व्यापार और राजनीति का गहरा संबंध है।," पिता ने हमेशा उन्हें बताया कि वह अपने धन को दान करने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में मैं समझ गया था कि मुझे भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए।"
कौन है मिखाइल फ्रिडमैन?
मिखाइल फ्रिडमैन की बात करे तो वे अल्फ़ा समूह के संस्थापकों में से एक है, जिसे उन्होंने कम्युनिस्टिज्म के अंतिम दिनों में अपने दो कॉलेज सहपाठियों, जर्मन खान और एलेक्सी कुज़्मीशेव के साथ शुरू किया था। अब वो निवेश कंपनी रूस के पांचवें सबसे बड़े ऋणदाता अल्फा बैंक, और देश के सबसे बड़े खाद्य रिटेलर X5 के मालिक हैं। फ्रिडमैन को रूस के सबसे बड़े बिजनेसमैन में से एक के रूप में भी जाना जाता है।