सार

पिछले कुछ दिनों में रिजर्व बैंक ने कई फाइनेंशियल कंपनियों पर सख्त एक्शन लिया है। लोन देने में अनियमितता के चलते RBI ने अब मर्चेंट बैंकर JM Financial पर कार्रवाई की है।  

RBI Action on JM Financial : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इन दिनों फाइनेंस कंपनियों पर बेहद सख्ती दिखा रहा है। खासकर लोन देने वाली कंपनियों में वित्तीय अनियमितता के चलते पिछले कुछ महीनों में RBI ने बड़े फैसले लिए हैं। पेटीएम और IIFL के खिलाफ एक्शन के बाद अब केंद्रीय बैंक ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) पर सख्ती दिखाई है। आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल पर शेयर और डिबेंचर्स के बदले लोन देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

रिजर्व बैंक ने 5 मार्च से JM फाइनेंशियल पर शेयरों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के अगेंस्ट लोन की मंजूरी और डिस्ट्रीब्यूशन पर भी रोक लगाई है। RBI का कहना है कि सेबी की ओर से दी गई जानकारी के बेस पर कंपनी के अकाउंट्स की समीक्षा की गई, जिसमें पता चला कि IPO फाइनेंसिंग और NCD सब्सक्रिप्शन के लिए लोन देने की प्रोसेस में कई गड़बड़ियां हैं।

RBI ने इस वजह से लगाया बैन

RBI को पता चला कि JM फाइनेंशियल ने लोन अमाउंट का इस्तेमाल कर अपने कुछ कस्टमर्स को IPO और NCD ऑफरिंग के लिए बोली लगाने में हेल्प की। इसके अलावा सब्सक्रिप्शन की एप्लिकेशन, Demat अकाउंट्स, बैंक अकाउंट सभी को कंपनी पावर ऑफ अटॉर्नी और कस्टमर्स से मिले मास्टर एग्रीमेंट का इस्तेमाल करके ऑपरेट कर रही थी। कंपनी पावर ऑफ अटार्नी के जरिये बैंक अकाउंट खोलने के साथ ही बैंक अकाउंट्स के ऑपरेटर के तौर पर भी काम कर रही थी।

10% से ज्यादा टूटा JM Financial Ltd का शेयर

RBI के एक्शन के बाद ही कंपनी का शेयर 10% की गिरावट के साथ 85.50 रुपए पर बंद हुआ। शेयर का 52 वीक हाई 114.85 रुपए और 52 वीक लो 57.85 रुपए का है। कंपनी का मार्केट कैप 8170 करोड़ रुपए है।

क्या करती है जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड?

​​​​​​​जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड मर्चेंट बैंकर कंपनी है। ये डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मार्केट में भारतीय और मल्टीनेशनल कॉरपोरेट्स के क्लाइंट को पूंजी जुटाने, विलय और अधिग्रहण, प्राइवेट इक्विटी और रीस्ट्रक्चरिंग एडवाइजरी जैसी सर्विसेज देती है।

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