Anil Ambani ED Case : यस बैंक से जुड़े 3,000 करोड़ रुपए के लोन घोटाले में ED ने अनिल अंबानी को समन भेजा है। जांच में फर्जी अप्रूवल, बिना ड्यू डिलिजेंस इन्वेस्टमेंट और म्यूचुअल फंड के पैसों के दुरुपयोग के आरोप हैं। SEBI पहले ही जुर्माना लगा चुका है।
Anil Ambani Summons : मुंबई में 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (RADAG) से जुड़े कथित 3,000 करोड़ रुपए के बैंक लोन घोटाले में अनिल अंबानी को समन भेजा है। जांच एजेंसी इस पूरे मामले को मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से देख रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यस बैंक से मिले लोन के बदले लेन-देन की कोई सीक्रेट डील हुई थी? आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और अब आगे क्या?
अनिल अंबानी को क्यों भेजा गया समन?
2017 से लेकर 2019 तक यस बैंक (Yes Bank) ने RADAG की कंपनियों को करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन दिए। अब ED को शक है कि इनमें से कई लोन गलत तरीके से पास किए गए, जिनमें बैकडेटेड क्रेडिट अप्रूवल डॉक्यूमेंट, बिना ड्यू डिलिजेंस के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल और बैंक की क्रेडिट पॉलिसी का उल्लंघन शामिल हैं। इन सभी आरोपों के चलते अब मामला गंभीर होता जा रहा है, खासकर जब इससे पब्लिक मनी यानी आम निवेशकों का पैसा भी जुड़ा हुआ है।
अनिल अंबानी केस में क्या म्यूचुअल फंड के पैसे भी दांव पर लगे?
ED की जांच में खुलासा हुआ है कि रिलायंस म्यूचुअल फंड (Reliance Mutual Fund) ने करीब 2,850 करोड़ रुपए के AT1 बॉन्ड्स में यस बैंक में निवेश किया था। इस डील को कथित 'कुछ दो, कुछ लो' समझौते की नजर से देखा जा रहा है। ये वही बॉन्ड्स हैं जिन्हें बाद में 'written off' कर दिया गया यानी इनसे कोई वापसी नहीं हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पब्लिक यानी आम म्यूचुअल फंड निवेशकों के पैसे थे।
अनिल अंबानी मामले की जानकारी किन संस्थाओं ने दी?
यह मामला केवल ईडी तक सीमित नहीं है। जांच की जड़ें और भी गहरी हैं। इसमें CBI की दो FIRs से जांच शुरू हुई। SEBI, NHB (National Housing Bank), NFRA और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी रिपोर्ट्स शेयर किए। अब इन सबके आधार पर PMLA के तहत केस दर्ज किया गया है।
SEBI की भी बड़ी कार्रवाई
इस मामले में कार्रवाई केवल ईडी तक सीमित नहीं रही। पिछले साल SEBI ने अनिल अंबानी समेत 24 प्रमुख लोगों को 5 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया। RHFL (Reliance Home Finance Ltd) से फंड डायवर्जन के आरोप में सिर्फ अनिल अंबानी पर ही 25 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। कुल पेनल्टी 625 करोड़ से ज्यादा है। SEBI ने कहा कि इस स्कीम ने न केवल RHFL के शेयरहोल्डर्स को नुकसान पहुंचाया बल्कि पूरे फाइनेंशियल गवर्नेंस सिस्टम की साख को भी हिला दिया।
