Yes Bank Scam: ईडी ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कंपनियों पर बड़ा एक्शन लेते हुए 35 ठिकानों पर छापेमारी की है। मामला 2017-19 के बीच यस बैंक से लिए गए करीब 3,000 करोड़ के लोन से जुड़ा है, जिसे कथित तौर पर शेल कंपनियों में घुमाया गया।
Anil Ambani Group ED Raid : प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को एक बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत देशभर में 35 जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई यस बैंक (Yes Bank) लोन स्कैम से जुड़ी हुई है, जिसमें अनिल अंबानी ग्रुप (RAAGA) की कंपनियों पर करीब 3,000 करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये रकम 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लोन के रूप में मिली थी, जिसे शेल कंपनियों और ग्रुप एंटरप्राइजेज में घुमाकर इस्तेमाल किया गया।
ED को क्या मिला?
- लोन अप्रूवल में भारी गड़बड़ी
- बैकडेटेड क्रेडिट अप्रूवल मेमोरेंडम(CAM)
- बिना ड्यू डिलिजेंस के लोन
- Yes Bank की क्रेडिट पॉलिसी का उल्लंघन
- लोन की रकम का डायवर्जन
- पैसा शेल कंपनियों और कमजोर बैलेंस शीट वाली संस्थाओं को ट्रांसफर
- कई कंपनियों के पास एक ही पता, एक ही डायरेक्टर
- डॉक्यूमेंटेशन बहुत कमजोर
- लोन एवरग्रीनिंग (Loan Evergreening) की आशंका
इस जांच में कौन-कौन सी एजेंसियां जुड़ी हैं?
ED की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि लोन अप्रूवल से पहले यस बैंक प्रमोटर्स को पैसे ट्रांसफर किए गए, जिससे रिश्वत और फेवर एक्सचेंज की बात भी सामने आ रही है। ये कार्रवाई CBI के FIR के आधार पर ED ने शुरू हुई। इसके अलावा SEBI (शेयरधारकों के हितों से जुड़ी जांच), नेशनल हाउसिंग बैंक (National Housing Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा, NFRA (National Financial Reporting Authority) से मिली जानकारी के आधार पर भी एक्शन लिया गया है।
क्या अनिल अंबानी को समन भेजा जाएगा?
अब तक की रिपोर्ट में अनिल अंबानी का नाम सीधे तौर पर सामने नहीं आया है, लेकिन चूंकि मामला उनकी कंपनियों से जुड़ा है, इसलिए माना जा रहा है कि उनसे पूछताछ की जा सकती है।
ये मामला क्यों है अहम?
- 3,000 करोड़ रुपए का लोन, पब्लिक मनी, जिसे घुमाया गया।
- बैंकिंग सिस्टम की रूट लेवल पर खामियां उजागर।
- रिटेल इन्वेस्टर्स और शेयरहोल्डर्स के लिए बड़ा झटका।
- यस बैंक जैसे बड़े बैंक की विश्वसनीयता पर सवाल।
अनिल अंबानी की कंपनियों पर ये भी आरोप
सिर्फ ED ही नहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) भी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और खुद अनिल अंबानी को लेकर गंभीर आरोप लगा चुका है। SBI ने हाल ही में दोनों को फ्रॉड घोषित किया है। बैंक का दावा है कि RCom ने 31,580 करोड़ रुपए के लोन का दुरुपयोग किया। इनमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए अन्य कंपनियों के पुराने लोन चुकाने में खर्च कर दिए गए। लगभग 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की ही दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए गए यानी पैसे को घुमा-फिराकर इस्तेमाल किया गया। SBI ने इस पूरे मामले को लेकर CBI में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। यही नहीं, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालियापन (Personal Insolvency) की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।
