सार

2020 में कोविड महामारी के दौरान लखनऊ के रहने वाले अंकुश अरोड़ा ने एकदम नया स्टार्टअप शुरू किया। उन्होंने रिटेल शॉप कीपर्स के लिए हैशटैग बाजार नाम से ई रिटेल प्लेटफॉर्म लांच किया।

Ankush Arora Success Story. कोरोना महामारी ने जहां कई पुरानी मान्यताओं को खत्म करने का काम किया है, वहीं ऐसे-ऐसे नए आइडिया भी सामने आए हैं, जिसके बारे में लोग शायद ही कभी कल्पना करते होंगे। कोविड महामारी के दौरान ही लखनऊ के रहने वाले अंकुश अरोड़ा ने रिटेल दुकानदारों की मदद करने के उद्देश्य से हैशटैग बाजार नाम से बाइंग ई-रिटेल प्लेटफॉर्म की शुरूआत की और देखते ही देखते यह कंपनी अब करोड़ों के टर्नओवर वाली कंपनी बन गई है।

क्या कहते हैं अंकुश अरोड़ा

अंकुश अरोड़ा बताते हैं कि जब लोगों को पता है कि उनका खर्च कितना है तो हम तीज त्योहार पर महंगा सामान क्यों खरीदें। अरोड़ा कहते हैं कि हाइपर लोकर दुकानदारों की घटती मार्जिन को देखकर उन्हें यह विचार आया कि ऐसा चैनल बनाया जाए जो ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो। बताया कि टियर-2 और उससे नीचे के शहरों में रहने वाली महिलाएं घर से काम करके हैशटैग बाजार के लिए ऑर्डर लेती हैं। हमने मार्केटिंग का तरीका बदला है, हम विज्ञापन नहीं करते बल्कि एप के माध्यम से ऑर्डर लेते हैं। इसके बदले ऑर्डर लेने वाली महिलाओं को फायदा मिलता है।

2 साल में खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी

अंकुश बताते हैं कि हमारे प्लेटफार्म से रिटेल दुकानदारों को भी फायदा पहुंच रहा है। हमारा ग्रुप बाइंग दुकानदारों को मल्टी माइक्रो ऑर्डर को एक बड़े ऑर्डर के रुप में कलेक्ट करने में मदद करता है। इस वजह से उन्हें अच्छी मार्जिन मिलती है। इस वक्त यह कंपनी लखनऊ सहित प्रयागराज, देहरादून में काम कर रही है। जल्द ही इसका विस्तार यूपी के दूसरे शहरों में भी किया जाएगा। आगे की योजना है कि हम इसे राजस्थान और वेस्ट बंगाल में ले जाएंगे। फिलहाल कंपनी में 27 लोग काम कर रहे हैं और कंपनी की वैल्यू 100 करोड़ रुपए को पार कर गई है।

कौन हैं अंकुश अरोड़ा-क्यों छोड़ी यूएस की नौकरी

अंकुश अरोड़ा लखनऊ में ही पले-बढ़े हैं और इनकी पढ़ाई सेंट फ्रांसिस से हुई है। बरेली से इन्होंने हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और फिर नौकरी करने के अमेरिकी कंपनी सेंचुरी-21 रियल एस्टेट को चुना। 2015 में वे अमेरिका से वापस इंडिया लौटे और अपना पहला स्टार्टअप प्लासियो के नाम से शुरू किया। यह भारत की पहली आर्गनाइज्ड स्टूडेंट हाउसिंग एंड को-लिविंग कंपनी थी। कोविड के दौरान उन्होंने हैशटैग बाजार की शुरूआत की और सफलता की बुलंदियों तक पहुंचे।

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