सार
कोविड ने कई परेशानियां दी तो कईयों की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन कर दिया। हजारों लोगों की नौकरियां छिन गईं, वहीं सैकड़ों नए स्टार्टअप शुरू हुए।
Sakshi Guha Success Story. कोविड के दौरान हजारों लोगों की नौकरियां छिन गईं और उनमें से कई लोग अब भी हताशा और निराशा के भंवर में फंसे हुए हैं। लेकिन उन्हीं में से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने रास्ता बदला और नए रास्ते पर मजबूती के साथ चलते रहे। ऐसा जिन्होंने किया वे आज सफलता की बुलंदियां छू रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं, साक्षी गुहा। इनकी प्रेरक स्टोरी जानकर आपके भीतर भी ऊर्जा पैदा होगी और जीवन में कुछ कर गुजरने का जूनून हिलोरें मारने लगेगा।
कौन हैं साक्षी गुहा
साक्षी गुहा का जन्म यूपी के मुजफ्फरपुर में 1 सितंबर 1987 को हुआ था। परिवार में 8 भाई बहनों में साक्षी सबसे छोटी हैं। उनके पिता फैक्टरी में वर्कर रहे लेकिन उन्होंने बेटियों को पढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा था कि साक्षी गुहा ने मुजफ्फरपुर के डीएवी कॉलेज से फिजियोलॉजी में एमए किया फिर दिल्ली की राह पकड़ ली। वे यहां कई कंपनियों में नौकरी करती रहीं। इसी बीच कोरोना महामारी ने दस्तक दी और साक्षी की नौकरी चली गई।
नौकरी छूटी तो यह बिजनेस शुरू किया
नौकरी जाने के बाद साक्षी बेहद परेशान रहने लगीं और उनके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न मां के साथ टिफिन सर्विस की शुरूआत की जाए। मां की उम्र भले ही 67 साल रही लेकिन उनके हाथों में जादू था। साक्षी को यकीन था कि उनका यह आइडिया काम कर जाएगा। मां-बेटी ने तैयारी की और वेज-नॉनवेज दोनों तरह के टिफिन का मेन्यू तैयार कर लिया गया। आसपास में साक्षी ने पर्चे बांटकर अपने स्टार्टअप की जानकारी दी और कुछ ऑर्डर मिलने लगे। धीरे-धीरे ऑर्डर की संख्या बढ़ती चली गई और पैसों के साथ लोगों की तारीफें भी मिलने लगीं।
कोविड में ऑनलाइन ऑर्डर हिट हुआ
कोविड लॉकडाउन के दौरान ही 15 जनवरी 2020 से साक्षी ने ऑनलाइन ऑर्डर की शुरूआत कर दी। कंपनियां भी लोगों से वर्क फ्रॉम होम काम करवा रही थीं जिसकी वजह से बढ़िया ऑर्डर मिलने लगा। इसके बाद तो साक्षी की गाड़ी चल निकली और उन्होंने स्विग्गी, जोमैटो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ बिजनेस शुरू कर दिया। कुछ कमाई हुई तो साक्षी ने तय किया कि अब वे आउटलेट भी खोलेंगी और यह सपना भी मई 2020 में पूरा हो गया।
बंगाली लव कैफे किया लांच
मई 2020 में साक्षी ने बंगाली लव कैफे के नाम से आउटलेट स्टार्ट किया, जहां पर 50 से ज्यादा बंगाली डिशेज का मेन्यू रखा गया। धीरे-धीरे उनका यह कैफे चल निकला और पहले ही महीने में 400 से ज्यादा ऑर्डर मिले। जब काम बढ़ा तो साक्षी ने आसपास की 30 महिलाओं को भी रोजगार दिया और अपने साथ जोड़ लिया। अब वे कई तरह की खास बंगाली रेसिपी तैयार करती हैं, जिसकी मार्केट में खूब डिमांड है।
कितनी है साक्षी गुहा की कमाई
साक्षी ने न सिर्फ अपने लिए कारोबार खड़ा किया बल्कि कई महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें भी जीविकोपार्जन का जरिया प्रदान किया। साक्षी कहती हैं मेरी मां अब बिजनेस वुमेन बन चुकी हैं। साक्षी की मां दीपा भी बेटी के काम से बेहद खुश हैं। इस वक्त इनकी कमाई की बात करें तो साक्षी को हर महीने करीब 3 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। रोजाना करीब 400 ऑर्डर मिल जाते हैं। साक्षी शायद नौकरी ही करतीं तो इस मुकाम तक नहीं पहुंच पातीं, जहां वे आज हैं।
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