सार
2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद है। नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री आयकर सीमा को बढ़ा सकती हैं। आयकरदाताओं को बजट 2023 से बहुत सी रियायतें मिलने की उम्मीदें हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद है। नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री आयकर सीमा को बढ़ा सकती हैं। इनकम टैक्स के संबंध में लोगों को बजट से कैसी उम्मीदें हैं पढ़ें वित्तीय सलाहकार और सीए यामिनी गुजर का लेख...
आयकरदाताओं को बजट 2023 से बहुत सी रियायतें मिलने की उम्मीदें हैं। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाएगी। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार 2022 में फाइल किए गए कुल इनकम टैक्स रिटर्न में 50 फीसदी नौकरीपेशा लोगों ने फाइल किए थे। इसलिए इन करदाताओं को उम्मीद है कि सरकार उनके हित में और कदम उठाएगी।
बढ़ाई जा सकती है आय में छूट की सीमा
मुद्रास्फीति बढ़ने से लोगों के खर्च बढ़ गए हैं। ऐसी स्थिति में करदाताओं को उम्मीद है कि सरकार नई कर प्रणाली के तहत आय में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करेगी। इनकम टैक्स के सेक्शन 16(ia) के तहत नौकरीपेशा लोगों को हर साल 50 हजार रुपए की स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट के तहत छूट मिलती है। नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि सरकार इसे 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करेगी।
अभी करदाताओं को इनकम टैक्स के सेक्शन 80c के तहत साल में 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है। करदाता इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अगर इस बजट में सरकार इस संबंध में फैसला लेती है तो करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। सेक्शन 80c के तहत PPF, ELSS, NSC, NPS और बैंक FD जैसी योजना में निवेश करने पर टैक्स में छूट मिलती है।
पेंशन योजना में निवेश पर बढ़ सकती है टैक्स छूट
अगर करदाता केंद्र सरकार की किसी विशेष पेंशन योजना (बीमा, राष्ट्रीय पेंशन योजना, अटल पेंशन योजना) में निवेश करता है तो वह इनकम टैक्स के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत टैक्स में 50 हजार रुपए की कटौती की मांग कर सकता है। सेक्शन 80C के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख रुपए है। उम्मीद है कि बजट में 80CCD(1B) के तहत मिलने वाले टैक्स छूट को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जा सकता है। इससे लोग रिटायरमेंट प्लान में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
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वेतनभोगी करदाता को उसके 'वेतन' के साथ कई तरह के भत्ते मिलते हैं। इसमें बच्चों की शिक्षा भत्ता 100 रुपए प्रति बच्चा प्रति महीना और बच्चों के छात्रावास के लिए 300 रुपए महीना प्रति बच्चा शामिल हैं। सरकार ने 20 साल से अधिक समय से इस प्रकार के भत्तों में संशोधन नहीं किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में महंगाई को देखते हुए भत्ते की राशि बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है।
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