सार

बजट 2025 में मिडिल क्लास को टैक्स में राहत की उम्मीद है। BMS ने 10 लाख तक टैक्स छूट, मनरेगा में 200 दिन काम और कृषि पैकेज की मांग की है। जानते हैं वित्त मंत्री से बजट में क्या चाहते हैं विभिन्न संगठन।

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को इस साल का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। हर साल की तरह, इस साल भी मिडिल क्लास बजट में राहत की उम्मीद लगाए बैठा है। RSS से जुड़े संगठनों ने वित्त मंत्री के साथ बजट पूर्व चर्चा के दौरान अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए हैं, जिनमें टैक्स फ्री इनकम की लिमिट को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करना, एग्रीकल्चर स्पेसिफिक पैकेज लागू करना, मनरेगा वर्क डेज को बढ़ाकर 200 करने और जीएसटी रिफंड में तेजी लाने जैसे सुझाव दिए गए हैं।

पवन कुमार के नेतृत्व में भारतीय मजदूर संघ (BMS) के प्रतिनिधियों ने सोमवार को निर्मला सीतारमण को अपनी सिफारिशें सौंपी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक,बीएमएस ने मनरेगा को बढ़ाकर प्रति परिवार सालाना 200 वर्किंग डेज सुनिश्चित करने की वकालत की है। इसके अलावा उन्होंने कृषि, बागान, बीड़ी और मत्स्य पालन सहित पर्याप्त श्रम की जरूरत वाले क्षेत्रों के लिए एक डेडिकेटेड पैकेज की भी डिमांड रखी है।

भारतीय मजदूर संघ ने रखीं ये डिमांड

भारतीय मजदूर संघ ने 8वें वेतन आयोग को लागू करने, 10 लाख रुपये तक कर छूट के अलावा NPS और UPS पर OPS को प्राथमिकता देने की मांग की है। इसके साथ ही ग्रेच्युटी कैल्कुलेशन पीरियड को 15 दिनों से बढ़ाकर 30 दिन प्रति वर्ष करना और पेंशनभोगियों के लिए कर दायित्वों को हटाना शामिल था। अतिरिक्त प्रस्तावों में ग्रेच्युटी गणना अवधि को 15 दिनों से बढ़ाकर 30 दिन प्रति वर्ष करना और पेंशनभोगियों के लिए टैक्स लाइबिलिटीज को हटाना शामिल था।

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लघु उद्योग भारती

लघु एवं मध्यम उद्यमों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन लघु उद्योग भारती ने जीएसटी रिफंड प्रॉसेस को तेजी से निपटाने, छोटी जीएसटी फाइलिंग त्रुटियों के लिए माफी कार्यक्रम शुरू करने और जीएसटी रेट एडजस्टमेंट की अपील की है।

भारतीय किसान संघ

भारतीय किसान संघ ने कृषि इनपुट पर जीएसटी छूट और पीएम किसान निधि में समय-समय पर बढ़ोतरी की मांग रखी है। इसके अलावा उर्वरक सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर करने का भी अनुरोध किया है।

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