Credit Card Balance Transfer: अगर क्रेडिट कार्ड का ब्याज भारी है, तो बैलेंस ट्रांसफर से महंगे ब्याज से राहत मिल सकती है। ध्यान रहे कि प्रोसेसिंग फीस, नई शॉपिंग और पुराने कार्ड की कंडीशन पर असर आपके सिबिल स्कोर को असर डाल सकता है।
Credit Card Balance Transfer Good or Bad: क्या आपका क्रेडिट कार्ड बिल भी हर महीने बढ़ता ही जा रहा है, ब्याज देखकर टेंशन हो रही है? अगर हां तो बैलेंस ट्रांसफर ऑप्शन राहत भरा और आसान हो सकता है। बैंक अक्सर कुछ महीनों के लिए जीरो परसेंट या बहुत कम ब्याज का ऑफर देते हैं। सुनने में तो यह बहुत अच्छा लगता है, लेकिन क्या यह हमेशा सही विकल्प है? क्रेडिट कार्ड से बैलेंस ट्रांसफर करना चाहिए या नहीं? आइए आसान भाषा में समझते हैं...
क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर क्या है?
सीधे शब्दों में कहें तो बैलेंस ट्रांसफर मतलब आपका पुराना क्रेडिट कार्ड, जिस पर ब्याज ज्यादा है, उसका पैसा किसी दूसरे कार्ड या लो-कॉस्ट लोन में ट्रांसफर कर देना। नया कार्ड या लोन आपको कम ब्याज देता है और आप उसे किस्तों में चुकाते हैं। बैंक पुराने कार्ड का बैलेंस क्लियर कर देता है, लेकिन अब पेमेंट नए कार्ड या लोन की शर्तों के अनुसार करना होता है।
क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर कितना फायदेमंद है?
सबसे बड़ा फायदा है कि आप महंगे ब्याज से बच सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपके पास कई कार्ड्स या अलग-अलग बकाया है, तो आप सबको एक ही जगह मर्ज कर सकते हैं। महीने में सिर्फ एक ही तारीख और एक ही पेमेंट से भुगतान आसान हो जाता है और ट्रैक करना भी आसान हो जाता है।
क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर के नुकसान क्या हैं?
- प्रोसेसिंग फीस और छुपे चार्ज आते हैं, जो अक्सर 1-3% या फ्लैट फी के रूप में होते हैं।
- कई बार ऑफर सिर्फ ट्रांसफर किए गए बैलेंस पर ही 0% ब्याज देते हैं।
- नई खरीद पर फिर सामान्य कार्ड रेट से ब्याज लगता है।
- अगर आप पूरा बैलेंस चुकता नहीं करते, तो नए ब्याज का बोझ बढ़ सकता है।
- नया कार्ड खोलना भी स्कोर पर थोड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि बैंक हार्ड इनक्वायरी करता है।
- अगर आप नए कार्ड की पूरी लिमिट इस्तेमाल कर लेते हैं, तो क्रेडिट यूटिलाइजेशन बढ़ेगा और CIBIL स्कोर गिर सकता है।
- पुराने कार्ड को तुरंत बंद करना भी नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि इससे आपके अकाउंट्स एज कम हो जाती है।
क्या क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर का CIBIL स्कोर पर भी असर पड़ता है?
बैलेंस ट्रांसफर के बाद आपके स्कोर पर कई जगह असर पड़ सकता है। सबसे पहले क्रेडिट यूटिलाइजेशन यानी कार्ड की लिमिट के मुकाबले कितना बैलेंस है। इसे 30% के आसपास रखना सबसे अच्छा होता है। नया कार्ड खोलने से हार्ड इनक्वायरी होती है, जो थोड़ा स्कोर घटा सकती है। अगर पुराना कार्ड बंद कर दिया तो एवरेज एज कम हो जाएगी और सबसे बड़ा फैक्टर है पेमेंट हिस्ट्री। अगर ट्रांसफर के बाद समय पर पेमेंट नहीं होता, तो क्रेडिट स्कोर तुरंत प्रभावित होगा।
क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर करते समय क्या ध्यान रखें?
- बैलेंस ट्रांसफर करने से पहले प्रोमो रेट और पीरियड देखकर कुल ब्याज निकालें।
- प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टी और छिपे चार्ज जोड़कर देखना जरूरी है।
- नया कार्ड लेने के बाद पुराने कार्ड को तुरंत बंद न करें, बल्कि कम यूज में रखें।
- नई खरीद पर संयम रखें ताकि क्रेडिट यूटिलाइजेशन बढ़े नहीं। बिल मिस न हो, इसके लिए ऑटो-पेमेंट सेट कर लें।
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