Gold Buying Tips: धनतेरस और दिवाली के मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन अब निवेशक सिर्फ ज्वेलरी ही नहीं, बल्कि सुरक्षित और टैक्स-फ्रेंडली ऑप्शन भी चुन सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 2 ऑप्शन के बारें में...
Gold Buying Options: धनतेरस और दिवाली का समय सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस मौके पर लाखों लोग सोना खरीदते हैं, क्योंकि इसे संपत्ति और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। लेकिन अब निवेशक सिर्फ गहनों में नहीं बल्कि स्मार्ट तरीके से सोने में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में Gold ETFs और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) सेफ और टैक्स-इफिशिएंट ऑप्शन साबित होते हैं। ये निवेश न सिर्फ पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन देते हैं, बल्कि आयकर अधिनियम के तहत टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं। आइए जानते हैं इनके फायदे...
Gold ETFs: शेयर मार्केट में सोने का निवेश
गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड यूनिट्स हैं जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होती हैं और सोने की कीमत को ट्रैक करती हैं। इसका मतलब है कि बिना फिजिकल गोल्ड खरीदे आप इसमें निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड ETFs फायदे
- Gold ETFs पर निवेश से आपको कैपिटल गेन टैक्स में फायदा मिलता है।
- इसमें लिक्विडिटी होती है, मतलब इन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर तुरंत बेचा जा सकता है।
- चोरी, नुकसान या असली-प्योरिटी की चिंता नहीं होती।
- कम रकम से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है।
गोल्ड ETFs में कैसे करें निवेश?
दिवाली जैसे अवसर पर सोने की कीमत बढ़ सकती है, इसलिए ETFs में धीरे-धीरे SIP या ट्रांजेक्शन करें। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लॉन्ग टर्म के लिए रखने पर टैक्स के फायदे मिलते हैं। अगर गोल्ड ईटीएफ में लॉन्ग या शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस होती है, तो उसे अन्य गेन से सेट-ऑफ किया जा सकता है। अनयूज्ड लॉस को 8 एसेसमेंट ईयर्स तक कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है।
Sovereign Gold Bonds: RBI का सेफ ऑप्शन
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) को RBI की तरफ से जारी किए जाते हैं और इसमें सोने की कीमत में बढ़ोतरी के साथ 2.5% सालाना फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, SGBs लॉन्ग टर्म के निवेशकों के लिए बेहतरीन हैं, क्योंकि मैच्योरिटी पर टैक्स-फ्री रिटर्न मिलता है।
SGBs के फायदे
- मेच्योरिटी पर टैक्स-फ्री होता है। 8 साल के बाद रिडेम्प्शन पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता।
- फिजिकल गोल्ड के मुकाबले चोरी या नुकसान का डर नहीं।
- निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिलता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में कैसे करें निवेश?
- अगर आपको 5 साल से कम में पैसा चाहिए, तो SGB को सेकेंडरी मार्केट में बेच सकते हैं।
- दिवाली पर खरीदने से पहले RBI की वेबसाइट और तारीख चेक करना जरूरी है।
फिजिकल गोल्ड vs डिजिटल गोल्ड
| फैक्टर | फिजिकल गोल्ड | गोल्ड ETFs,SGBs |
|---|---|---|
| सेफ्टी | चोरी का खतरा | सुरक्षित, बैंक/स्टॉक एक्सचेंज में |
| टैक्स | LTCG टैक्स + मेकिंग चार्ज | टैक्स लाभ और कैपिटल लॉस सेटऑफ |
| लिक्विडिटी | तत्काल कैश पाना कठिन | तुरंत बेचा जा सकता है |
| खर्च | मेकिंग चार्ज + स्टोरेज | कोई अतिरिक्त खर्च नहीं |
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। इसमें दी गई जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। सोने, Gold ETFs या Sovereign Gold Bonds (SGBs) में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या निवेश विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। निवेश में जोखिम शामिल होता है और पिछले रिटर्न भविष्य में होने वाले रिटर्न की गारंटी नहीं है।
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