सार
हिंडनबर्ग अदाणी समूह पर फिर से हमला किया है। उसने कहा है कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से नहीं ढका जा सकता। धोखाधड़ी धोखाधड़ी है, भले ही दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक द्वारा की गई हो।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को फिर अडाणी समूह पर हमला बोला है। उसने कहा कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से छिपाया नहीं जा सकता। हिंडनबर्ग ने यह बात अदाणी समूह द्वारा भेजे गए 413 पन्नों के जवाब के उत्तर में कही है। उसने कहा कि 413 पन्नों में से सिर्फ 30 उसके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर फोकस्ड थे। बाकी के 330 पेज कोर्ट के आदेश और 53 पेज सामान्य जानकारी के थे।
हिंडनबर्ग ने कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। इसका भविष्य उज्जवल है। उसने दावा किया कि देश के भविष्य को 'अदाणी समूह द्वारा रोका' गया है। हिंडनबर्ग ने कहा कि अदाणी समूह ने अपने तेजी से बढ़ने और गौतम अदाणी की संपत्ति में हुई वृद्धि को भारत की सफलता के साथ मिलाने की कोशिश की है। वह इससे सहमत नहीं है। उसने दावा किया कि अदाणी समूह ने अपनी प्रतिक्रिया में मूल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की और राष्ट्रवादी कहानी को हवा दी।
उभरती हुई महाशक्ति है भारत
हिंडनबर्ग ने कहा, 'हम मानते हैं कि भारत उभरती हुई महाशक्ति है। हम यह भी मानते हैं कि अदाणी समूह द्वारा भारत के भविष्य वापस पीछे किया जा रहा है। यह खुद को भारतीय ध्वज में लपेटकर देश को व्यवस्थित रूप से लूट रहा है। हम यह भी मानते हैं कि धोखाधड़ी धोखाधड़ी है, भले ही दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक द्वारा की गई हो।'
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क्या है मामला?
अमेरिका की इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। रिसर्च रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को कई लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को 4.17 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। इस रिपोर्ट के बाद अमीरों की लिस्ट में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए थे। अदाणी ग्रुप ने हिडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद अपने बिजनेस से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए। अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को कट- पेस्ट बताया है। साथ ही 88 में से 68 सवाल फर्जी बताए हैं।
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