सार
अडानी ग्रुप ने अमेरिकी लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च को फर्जी करार दिया है। अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगशिंदर सिंह ने शनिवार को निवेशकों को जारी की गई 413 पेज की रिपोर्ट के बाद सभी 88 सवालों के जवाब दिए हैं।
नई दिल्ली. अडानी ग्रुप ने अमेरिकी लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च(US short seller Hindenburg Research) को फर्जी करार दिया है। अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगशिंदर सिंह ने शनिवार को निवेशकों को जारी की गई 413 पेज की रिपोर्ट के बाद एक इंटरव्यू में हिंडनर्ब रिसर्च के सभी 88 सवालों के जवाब दिए हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
बिजनेस टुडे टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगशिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि 88 में से 68 सवाल फर्जी और भ्रामक हैं। ये सिर्फ कट-पेस्ट हैं। इन पर कोई रिसर्च नहीं किया गया है। यह रिपोर्ट AFPO को नुकसान पहुंचाने के मकसद के लिए तैयार की गई थी। सिंह ने कहा बाकी 20 सवाल ऐसे हैं, जिन्हें अडानी समूह स्वीकार नहीं करता। सिंह ने साफ कहा कि अडानी समूह झूठ को स्वीकार नहीं करता है। सिंह ने साफ इनकार किया कि रिपोर्ट झूठ और गलत बयानों पर बेस है। अडानी समूह ने कुछ गलत नहीं किया।
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर 4 बड़े सवाल उठाए
पहला-रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है। अडानी ग्रुप ने कहा कि यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर हमला है।
दूसरा-अडानी समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट का एक ही मकसद था कि झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो, जबकि शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग को फायदा हो।
तीसरा-अडानी ग्रुप ने कहा कि यह रिपोर्ट तब जारी की गई, जब समूह का IPO लॉन्च होने जा रहा है। अडानी ने इसे देश का सबसे बड़ा IPO कहा है। ग्रुप ने कहा यह बदनाम करने की साजिश है।
चौथा-अडानी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए जारी की गई है। हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है।
अब जानिए मामला
दरअसल, यूएस आधारित इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर धोखाधड़ी व मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। रिसर्च रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को कई लाख करोड़ का नुकसान हुआ। रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को 4.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इस रिपोर्ट के बाद अमीरों की लिस्ट में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए थे। 25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो 27 जनवरी को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई थी।
हिंडनबर्ग ने कही ये बात
हालांकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर एक हमला थी। हिंडनबर्ग ने कहा कि धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। हिंडनबर्ग अपने पिछले हफ्ते की रिपोर्ट पर कायम है, जिसमें कहा गया है कि इसकी दो साल की जांच में पाया गया कि अडानी समूह दशकों के दौरान एक स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी योजना में लगा हुआ है।
यह भी पढ़ें