सार
भारतीय मूल के सुंदर पिचाई गूगल और इसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO है। उन्होंने साल 2004 में गूगल जॉइन किया था। इससे पहले उन्हें ट्विटर से दो बार और माइक्रोसॉफ्ट से एक बार ऑफर आ चुका है। जानिए गूगल ने उन्हें कैसे रोका।
बिजनेस डेस्क. भारतीय मूल के सुंदर पिचई दिग्गज टेक कंपनी गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO हैं। उन्होंने गूगल में अपनी नौकरी के 20 साल पूरे कर लिए है। उन्होंने साल 2004 में गूगल जॉइन किया था। इसके बाद उन्होंने ने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर कंपनी सबसे बड़ा पद हासिल किया है। लेकिन इस बीच उन्हें साल 2011 में ट्विटर में उन्हें CEO का पद ऑफर किया था।
पिचई को मिला था ट्विटर से बड़ा ऑफर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुंदर पिचाई को साल 2011 में ट्विटर की तरफ से एक बड़ा ऑफर मिला था। उस समय सुंदर गूगल क्रोम और क्रोम OS के इंचार्ज थे। ट्विटर उन्हें अपनी कंपनी में लेकर प्रोडक्ट हेड बनाना चाहती थी। गूगल ने उन्हें रोकने के लिए करोड़ों डॉलर दिए थे।
तब पिचई को मिले थे करोड़ों डॉलर के स्टॉक
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुंदर पिचाई को रोकने के लिए गूगल ने लगभग 15 करोड़ डॉलर के स्टॉक ऑफर किए थे। इतना ही नहीं इसके अलावा सुंदर पिचई को 5 करोड़ का ऑफर दिया था। सुंदर ने जब ट्विटर का ऑफर का ठुकराया तब प्रोडक्ट मैनेजर का रोल जैक डोर्सी को दे दिया था।
सुंदर को माइक्रोसॉफ्ट से भी मिला था ऑफर
माइक्रोसॉफ्ट ने सुंदर पिचई को साल 2014 में कंपनी के CEO की पोस्ट ऑफर की गई थी। लेकिन उन्होंने इस ऑफर को भी ठुकराया था। इसके बाद ये पोस्ट सत्या नडेला को मिला था। इसके बाद ट्विटर ने 2015 में फिर से CEO पोस्ट ऑफर दिया था लेकिन इस बार भी बात नहीं बनी। गूगल ने उन्हें कंपनी का CEO बनाया गया। इसके बाद साल 2017 में अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया। फिर साल 2019 में सुंदर पिचाई को अल्फाबेट का भी CEO बनाया गया।
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