Gratuity 2025: नए लेबर कोड के बाद ग्रेच्युटी नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब 1 साल काम करने वाले फिक्स्ड-टर्म और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी मिलेगी, ग्रेच्युटी ज्यादा सैलरी के आधार पर तय होगी और राशि पहले से 25-50% तक बढ़ सकती है। 

Gratuity 2025 Important Updates: सरकार समय-समय पर श्रम कानून बदलती रहती है, ताकि कर्मचारियों की जिंदगी आसान हो। ग्रेच्युटी भी ऐसा ही एक तरीका है, जिससे रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को एक पैसों का पैकेज मिलता है। 2018 में आखिरी बार बड़ा बदलाव आया था, जब टैक्स-फ्री ग्रेच्युटी सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी गई थी। लेकिन 2025 में नए श्रम कोड्स के लागू होने के बाद ग्रेच्युटी में कई बड़े बदलाव हुए हैं। आइए जानते हैं 5 बड़े बदलाव, जो हर सैलरीड कर्मचारी को पता होने चाहिए।

1. फिक्स्ड-टर्म और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी अब सिर्फ 1 साल में ग्रेच्युटी पाएंगे

पहले ग्रेच्युटी पाने के लिए 5 साल लगातार काम करना जरूरी था। इसका मतलब था कि प्रोजेक्ट या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को अक्सर ग्रेच्युटी नहीं मिलती थी। अब बदलाव हुआ है। नए नियमों के अनुसार फिक्स्ड--टर्म कर्मचारी भी सिर्फ 1 साल काम करने के बाद ग्रेच्युटी के हकदार होंगे। IT, मीडिया, निर्माण या कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारी अब ग्रेच्युटी से वंचित नहीं रहेंगे।

2. ग्रेच्युटी की गणना अब ज्यादा सैलरी पर होगी

पहले ग्रेच्युटी सिर्फ बेसिक सैलरी पर आधारित थी। अब सैलरी की नई परिभाषा के अनुसार कई तरह के अलाउंस वेतन में शामिल होंगे। इसका मतलब ग्रेच्युटी की राशि 25-50% तक बढ़ सकती है। लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट राशि भी बढ़ेगी।

3. टैक्स-फ्री ग्रेच्युटी लिमिट

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए टैक्स-फ्री सीमा 20 लाख रुपए बनी हुई है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए यह 25 लाख रुपए है। यह बदलाव सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी पर टैक्स में सुविधा मिलती रहे।

4. ग्रेच्युटी अब ज्यादा कर्मचारियों पर लागू

2025 के नए नियमों से ग्रेच्युटी अधिकार अब कई अन्य कर्मचारियों को भी मिलेगा। इनमें फिक्स्ड-टर्म और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी, सीजनल कर्मचारी (समय के अनुसार हिस्सा मिलेगा), प्रोजेक्ट या असाइनमेंट बेस्ड कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं।

5. कंपनियों को ग्रेच्युटी की जिम्मेदारी दिखानी होगी

कंपनियों को अब अपनी ग्रेच्युटी जिम्मेदारी को साफ-साफ दिखाना होगा। इससे पता चलेगा कि भविष्य में कितनी राशि कर्मचारियों को देनी है HR टीम भविष्य के हिसाब से सैलरी स्ट्रक्चर बदल सकती है। इसका फायदा कर्मचारियों को होगा और उन्हें समय पर ग्रेच्युटी मिलने की गारंटी बढ़ेगी।

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