Indigo Airline Crisis: क्राइसिस से जूझ रही इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया ने 28 की उम्र में सबकुछ खोने के बाद भी हार नहीं मानी और 15 लाख रुपए से इंटरग्लोब शुरू किया। 2006 में राकेश गंगवाल के साथ मिलकर इंडिगो एयरलाइन बनाई।
IndiGo Owner Story : देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों सुर्खियों में है। पिछले चार दिनों से अफरा-तफरी का माहौल है, 2,000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। क्या दिल्ली, क्या मुंबई, क्या बेंगलुरु हर एयरपोर्ट्स पर पैसेंजर्स की भीड़, लंबी-लंबी राइंस और बढ़े दूसरे एयरलाइंस के आसमान में पहुंचे किराए लोगों की परेशानियां बढ़ा रहे हैं। इस बीच इंडिगो के पीछे खड़े राहुल भाटिया चर्चा में आ गए हैं। इंडिगो के बॉस होने के नाते हर कोई उनके बारें में जानना चाहता है। वह सिर्फ इंडिगो के मालिक ही नहीं हैं, बल्कि इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रमोटर और को-फाउंडर भी हैं। उनकी लाइफ काफी दिलचस्प रही है। जानिए उन्होंने कैसे भारत की नंबर-1 एयरलाइन बनाई...
राहुल भाटिया की पढ़ाई और बिजनेस की शुरुआत
राहुल भाटिया का जन्म 18 दिसंबर 1955 को हुआ था। उनका बचपन दिल्ली में बीता। पढ़ाई के लिए उन्होंने कनाडा का रुख किया और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। विदेश में रहते हुए उन्होंने दो साल तक IBM में काम भी किया। वह भारत लौटकर टेलीकॉम कंपनी स्टार्ट करना चाहते थे लेकिन किसी वजह से ये सपना पूरा नहीं हुआ तो टीचिंग में दिलचस्पी बढ़ गई, लेकिन पिता की तबीयत बिगड़ने पर परिवार की जिम्मेदारियों ने राह बदल दी। उन्हें फैमिली बिजनेस संभालना पड़ा।
फैमिली बिजनेस से निकाले गए राहुल भाटिया
राहुल भाटिया के पिता एक ट्रैवल एजेंसी चलाते थे। 1964 में 9 पार्टनर के साथ मिलकर 'दिल्ली एक्सप्रेस' नाम की एक एयरलाइन शुरू की। राहुल की एंट्री के बाद काफी कुछ बदला। 1991 में बिजनेस पार्टनर्स ने बिना उन्हें बताए ज्यादा स्टॉक्स खरीद लिए और उन्हें धोखे में रखकर उनके ही फैमिली बिजनेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह समय राहुल के जीवन का सबसे मुश्किल दौर था। तब उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी। उन्होंने हार नहीं मानी। 15 लाख रुपए से 'इंटरग्लोब' नाम की कंपनी शुरू की, जो आईटी, बीपीओ, ट्रैवल, ट्रांसपोर्टेशन और हॉस्पिटैलिटी के काम से जुड़ी थी।
इंडिगो की शुरुआत कैसे हुई?
2000 में आईआईटीएंस राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया की मुलाकात हुई। दोनों ने 2004 में एयरलाइंस शुरू करने का प्लान बनाया और लाइसेंस लेने के बाद 2006 में इंडिगो की शुरुआत की। इसी साल कंपनी की पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी। कम किराया और सही टाइम का वादे ने कंपनी को धीरे-धीरे टॉप पर पहुंचा दिया। हालांकि, 2019 में दोनों पार्टनर में कंपनी को लेकर अनबन हुई और गंगवाल ने बोर्ड मेंबर छोड़ना पड़ा।
इंडिगो के मालिक की नेटवर्थ
राहुल भाटिया ज्यादा लाइमलाइट में नहीं रहते हैं। उन्हें हमेशा से सिंपल लाइफ पसंद रही है। कई बार मीटिंग्स में सिर्फ शर्ट-पैंट पहने हुए दिखाई देते हैं। फॉर्मल कोट-पैंट या फैंसी कपड़ों में कम ही देखने को मिलते हैं। उनकी नेटवर्थ करीब 72,000 करोड़ रुपए है।
राहुल भाटिया के अचीवमेंट्स
- 2010 में EY का 'आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड
- 2011 में 'आउटस्टैंडिंग स्टार्टअप अवॉर्ड'
- 2012 तक भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो बनी।
- ब्लूमबर्ग अरबपति इंडेक्स के अनुसार भारत के 22वें सबसे अमीर।


