Indigo Airline Crisis: इंडिगो के ऑपरेशंस पिछले पांच दिनों से बुरी तरह प्रभावित हैं। 2,000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं और रोज सैकड़ों उड़ानें लेट हैं। सरकार ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि इंडिगो सभी रिफंड तुरंत लौटाए, 48 घंटे में लगेज दे।
Indigo Latest News: इंडिगो के फ्लाइट ऑपरेशंस पिछले कई दिनों से गड़बड़ चल रहे हैं। लाखों पैसेंजर्स परेशान हैं, एयरपोर्ट्स पर लंबी लाइनें हैं और दूसरी एयरलाइंस के टिकटों की कीमत आसमान पर है। ऐसे माहौल में हर किसी के मन में बस एक सवाल है, 'इंडिगो कब नॉर्मल होगा?'इंडिगो ने आखिरकार बड़ा अपडेट दिया है। एयरलाइन का कहना है कि 15 दिसंबर तक ऑपरेशन को पूरी तरह नॉर्मल करने का लक्ष्य रखा गया है। यानी राहत आने में अभी थोड़ा वक्त और लग सकता है। लेकिन सवाल ये भी है, यह संकट आया कैसे, और सरकार ने अब तक क्या एक्शन लिया है? यहां जानिए एकदम आसान तरीके से...
इंडिगो पर सरकार की सख्ती
चार दिन की अफरा-तफरी के बाद केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया। इंडिगो को आदेश दिया गया है कि रविवार रात 8 बजे तक सभी पेंडिंग रिफंड वापस करने और 48 घंटे में लगेज लौटाने का आदेश दिया है। सरकार ने दूसरी एयरलाइंस को भी किराया न बढ़ाने की वॉर्निंग दे दी है। निर्देश नहीं मानने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही इंडिगो CEO पीटर एल्बर्स को भी पद से हटाया जा सकता है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इस मांग पर विचार कर रही है। आज, शनिवार को एविएशन मंत्रालय ने इंडिगो अधिकारियों को बुलाया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि एयरलाइन पर भारी-भरकम जुर्माना भी सरकार लगा सकती है।
इंडिगो क्राइसिस: 5वें दिन भी हालात नहीं सुधरे
इंडिगो का ऑपरेशन लगातार पांचवें दिन भी पटरी पर नहीं लौट पाया। अकेले शनिवार, 6 दिसंबर को ही 400 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है। पिछले चार दिनों में यह आंकड़ा 2,000 से ज्यादा फ्लाइट्स तक पहुंच चुका है। जब से क्राइसिस शुरू हुई है, तब से लेकर अब तक हर दिन लगभग 500 फ्लाइट्स लेट हो रही हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर सबसे ज्यादा परेशानी देखने को मिल रही है। यात्रियों की मजबूरी का फायदा दूसरी एयरलाइंस भी उठा रही हैं, जिनकी कीमतें 10 गुना तक बढ़ गई हैं।
इंडिगो क्राइसिस क्यों और कैसे शुरू हुआ?
DGCA ने क्रू और पायलटों के काम से जुड़ा नया नियम लागू किया, जिसे FDTL (Flight Duty Time Limitation) कहा जाता है। पहला चरण 1 जुलाई और दूसरा चरण 1 नवंबर से से लागू हुआ है। नए रूल में पायलट-क्रू को ज्यादा आराम देना जरूरी है, जिसकी वजह से अचानक क्रू की भारी कमी आ गई है। DGCA ने अब इंडिगो को 2026 तक अस्थायी राहत दी है, लेकिन जब तक यह राहत आई, ब तक हालात बिगड़ चुके थे।
इंडिगो की गलती क्या है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिगो को नए स्टाफ हायर करने के लिए 9 महीने दिए गए थे. लेकिन एयरलाइन ने उतनी हायरिंग की ही नहीं, पायलट-क्रू की कमी पहले से अनुमानित थी फिर भी पिछले एक हफ्ते में सारी प्लानिंग फेल हो गई, इसलिए कहा जा रहा है कि संकट अचानक नहीं, बल्कि धीरे-धीरे बन रहा था।। हालत बिगड़ने की शुरुआत 2 दिसंबर से हुई और फिर क्राइसिस बढ़ती ही गई। हालात इतने बेकाबू हो गए कि दिल्ली से मुंबई का किराया 10 हजार से 50 हजार तक पहुंच गया। इंडिगो ने माना कि उनकी स्टाफ प्लानिंग में गलती हुई और नए नियम लागू होने के बाद क्रू की मांग अचानक बढ़ गई।
क्या 15 दिसंबर तक राहत मिल जाएगी?
इंडिगो का कहना है कि क्रू की री-शफलिंग चल रही है, शेड्यूल रीसेट किया जा रहा है, 15 दिसंबर तक स्थिति को स्टेबल करने का लक्ष्य है> सरकार और DGCA लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों तक दिक्कतें रहेंगी, लेकिन धीरे-धीरे हालात सुधर सकते हैं।
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