सार

यूपीआई पेमेंट सिस्टम को इंटरनेशनल लेवल पर बड़ी सफलता मिली है कि उसे विदेशों में भी मान्य किया गया है। यह मान्यता, भारत सरकार के सहयोग और रिजर्व बैंक के पहलों में से एक है।

इंदौर: देश के सबसे सस्ते की-पैड वाले मोबाइल फोन्स भी जल्द यूपीआई पेमेंट सिस्टम से लैस होंगे। आरबीआई इसके लिए पहल कर रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि फीचर फोन (कीपैड मोबाइल फोन) भी यूपीआई भुगतान प्रणाली संचालित करने की पहल की गई है। यूपीआई को इंटरनेशनल लेवल पर भी मान्यता मिली है।

मध्य प्रदेश के इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई पेमेंट सिस्टम को इंटरनेशनल लेवल पर बड़ी सफलता मिली है कि उसे विदेशों में भी मान्य किया गया है। यह मान्यता, भारत सरकार के सहयोग और रिजर्व बैंक के पहलों में से एक है। शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई को दुनिया की सबसे बड़ी भुगतान प्रणाली बनाने में सक्षम बनाया गया है।

यूपीआई लेनदेन 10 अरब से अधिक

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अगस्त महीने में यूपीआई में लेनदेन की संख्या 10 अरब से अधिक हो गई है। यूपीआई की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी। उसके बाद यूपीआई बहुत स्थिर रहा लेकिन अब यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है और यह 10 बिलियन को पार कर गया है। हालांकि, यह आंकड़ा अभी यहीं नहीं रुकने जा रहा, ये और बढ़ेगा।

फीचर फोन में सुविधा होने से और तेजी से यूपीआई का होगा इस्तेमाल

शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित किया है। लेकिन यूपीआई के पास कई चुनौतियां हैं। यूपीआई के इस्तेमाल के लिए स्मार्टफोन की आवश्यकता होती है। जबकि भारत जैसे देश में बड़ी संख्या में लोग फीचर फोन यानी कीपैड वाले फोन का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए आरबीआई ने फीचर फोन में यूपीआई पेमेंट सिस्टम को इंस्टॉल करने की पहल शुरू की है।

E-Rupee भी किया लांच

गवर्नर ने बताया कि भारत दुनिया के कुछ देशों में शामिल है जिसने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी ई-रुपी को लेकर पायलट प्रोजेक्ट को लांच किया है। ई-रुपी भी कागजी करेंसी की तरह है। यह डिजिटल इकाई है। यह पायलट प्रोजेक्ट वर्तमान में ऑपरेशन में है और इसकी टेस्टिंग चल रही है।

यह भी पढ़ें:

सूरज के पास पहुंचने में 125 दिनों का सफर करेगा अपना Aditya L1