सार

चीन के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए भारत सरकार ने चीनी निवेश घोटाले वाली 100 से ज्यादा वेबसाइटों पर बैन लगाने की प्रॉसेस शुरू कर दी है। चीन से चलने वाली ये वेबसाइटें भारतीय नागिरकों को टारगेट करने के साथ ही देश की इकोनॉमी को कमजोर कर रही हैं।

India banned over 100 Chinese operated websites : मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए चीनी निवेश घोटाले वाली 100 से ज्यादा वेबसाइटों पर बैन लगाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए चीन से संचालित होने वाली इन वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दें कि चीन से चलने वाली इस तरह की वेबसाइट भारतीय नागिरक को टारगेट करने के बाद देश की इकोनॉमी को कमजोर कर रही हैं।

गृह मंत्रालय ने IT मिनिस्ट्री को लिखी चिट्ठी
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को चिट्ठी लिखते हुए चीनी वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए कहा है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने देश की संप्रभुता, राष्ट्रहित और राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक बताते हुए करीब 250 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। इन ऐप्स में टिकटॉक, Xender, शीन, कैमस्कैनर सहित कई ऐप्स शामिल हैं, जिनके लाखों की संख्या में डाउनलोड थे।

सेंसिटिव यूजर डेटा इकट्ठा कर रहे थे कई चीनी ऐप्स

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सभी चीनी ऐप्स सेंसिटिव यूजर डेटा एकत्र कर रहे थे। माना जा रहा है कि ये चीनी ऐप्स भारतीय नागरिकों से जुड़ी अहम जानकारियों को अनुचित तरीके से प्राप्त कर उनका उपयोग कर रहे थे। बता दें कि हाल ही में, PUBG मोबाइल के भारतीय वर्जन, जिसे BGMI या बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया कहा जाता है, को Google Play स्टोर और Apple ऐप स्टोर से हटा दिया गया था। बता दें कि बैटल रॉयल गेम को भारत में काफी पॉपुलैरिटी मिल। सिर्फ एक साल में ही इसके यूजर 100 मिलियन से ज्यादा पहुंच गए थे।

कई राज्यों ने चीनी वेबसाइटों पर एक्शन के लिए लिखी थी चिट्ठी

केंद्रीय एजेंसियों ने इन चीनी वेबसाइट की पहचान कर ली है। पूरी समीक्षा करने के बाद इनके खिलाफ एक्शन की प्रॉसेस शुरू होगी। बताया जा रहा है कि इन वेबसाइट्स की जड़ें चीन से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले कई राज्यों ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली इन वेबसाइट के खिलाफ एक्शन की मांग की थी। इन वेबसाइट्स के एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं और कार्रवाई से बचने के लिए ये एक से दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करती रहती हैं। बाद में इस कालेधन को क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया जाता है।

ये भी देखें : 

जानें किस मामले में चीन को पछाड़ टॉप पर पहुंचा भारत, Top-10 में 2 पड़ोसी भी