सार
MRF के शेयर ने 30 सालों में निवेशकों को मालामाल कर दिया है। 1993 में ₹10 का शेयर आज ₹1.30 लाख का हो गया है। जानते हैं भारत के सबसे महंगे शेयर की कहानी।
बिजनेस डेस्क। MRF का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में क्रिकेटर्स के बैट पर चिपके स्टीकर्स याद आते हैं। बता दें कि इसका फुलफॉर्म मद्रास रबर फैक्टरी है, जो कि भारत की मशहूर टायर कंपनी है। इस कंपनी के शेयर अप्रैल, 1993 में महज 10 रुपए के थे। वहीं, अब इसके एक शेयर की कीमत करीब 1.30 लाख रुपए है।
30 साल पहले लगाए 1 लाख रुपए हो चुके 130 करोड़
बता दें कि 30 साल पहले यानी 1993 में जब इसका IPO आया था, तब शेयर की कीमत महज 10 रुपए थी। लिस्टिंग के बाद ये स्टॉक 11 रुपए पर बंद हुआ था। उस वक्त अगर किसी शख्स ने इस शेयर में 1 लाख रुपए का निवेश किया होगा और उसे अब तक बनाए रखा होगा तो आज की डेट में उसकी रकम बढ़कर 130 करोड़ रुपए हो चुकी है। यानी 30 सालों में इस शेयर ने निवेशकों की रकम को 13,000 गुना बढ़ा दिया है।
1.5 लाख रुपए को पार कर चुकी MRF की कीमत
MRF के शेयर की बात करें तो इसकी कीमत 1.5 लाख रुपए के ऊपर जा चुकी है। स्टॉक का 52 वीक हाइएस्ट लेवल 151,445 रुपए है, जबकि लोएस्ट लेवल 107,008 रुपए है। स्टॉक की फेस वैल्यू 10 रुपए है। वहीं कंपनी की मार्केट कैप 54,889 करोड़ रुपए है।
देश का पहला शेयर, जिसने क्रॉस किया 100000 का लेवल
बता दें कि MRF का स्टॉक 1 लाख रुपए के लेवल को पार करने वाला भारत का पहला और इकलौता शेयर है।
- अप्रैल, 1993 तक इसके एक शेयर की कीमत सिर्फ 11 रुपए थी। हालांकि, मार्च 2005 तक इसके शेयर की कीमत 3000 रुपए पहुंच गई।
- वहीं, मई 2013 तक MRF के स्टॉक का भाव सीधे 15000 रुपए हो गया। अप्रैल, 2018 तक MRF के एक शेयर की कीमत 80,000 रुपए हो गई।
- फरवरी 2022 में MRF के शेयर की कीमत 100000 रुपए से ऊपर पहुंच चुकी थी। एक समय ये स्टॉक 1.5 लाख रुपए के लेवल को भी पार कर चुका है।
आखिर क्यों इतना महंगा है MRF का शेयर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब शेयरों की कीमत बढ़ती है तो कंपनियां उसे स्प्लिट करती हैं। लेकिन MRF कंपनी ने लिस्टिंग से लेकर अब तक इस शेयर को एक बार भी स्प्लिट नहीं किया है, जिसके चलते इस स्टॉक की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल ये 1.30 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है। स्प्लिट में शेयरों को तोड़कर डबल शेयर कर दिए जाते हैं।
जानें कब हुई MRF कंपनी की शुरुआत
MRF कंपनी की नींव भारत की आजादी से पहले यानी 1946 में पड़ी थी। शुरुआत में ये कंपनी खिलौने वाले गुब्बारे बनाती थी। लेकिन 14 साल बाद 1960 से कंपनी ने रबर के टायर बनाने शुरू किए। वर्तमान में ये भारत की सबसे बड़ी टायर कंपनी है। MRF के टायर 75 से ज्यादा देशों में निर्यात किए जाते हैं। बड़े-बड़े क्रिकेटर MRF कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर रहे हैं। इनमें सचिन तेंडुलकर से विराट कोहली, गौतम गंभीर, संजू सैमसन, शिखर धवन, ब्रायन लारा, स्टीव वा और एबी डीविलियर्स के नाम शामिल हैं।
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