सार
नौकरीपेशा व्यक्ति को अपने रिटायरमेंट की चिंता होती है। इसके लिए वह किसी न किसी स्कीम में इन्वेस्ट करता है। ऐसे में ज्यादातर लोग EPF, NPS और PPF में निवेश करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इनमें से बेहतर स्कीम कौन-सी है। अगर नहीं, तो यहां जान लिजिए।
बिजनेस डेस्क. हर नौकरीपेशा व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को आरामदायक बनाना चाहता है। इसके लिए कई लोग नौकरी की शुरुआत से ही प्लानिंग करना शुरू कर देते है। इसके लिए वे लोग अलग-अलग स्कीम में इन्वेस्टमेंट करते हैं। हमारे देश में इसके लिए तीन स्कीम्स को पसंद किया जाता है। इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन सिस्टम और कर्मचारी भविष्य निधि हैं। लेकिन कई लोग तय नहीं कर पाते की कौन सी स्कीम से उन्हें ज्यादा फायदा होगा। ऐसे में तीनों स्कीम के बारे में समझेंगे।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF में लंबे समय तक निवेश की स्कीम है। इसमें आप न सिर्फ भविष्य के लिए फंड जमा कर सकते हैं, बल्कि टैक्स भी बचा सकते हैं। इसमें इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में 1.5 लाख रुपए की बचत कर सकते हैं। इसमें आप सिर्फ 500 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS को खास तौर से रिटायरमेंट के लिए तैयार किया गया। इसमें दो तरह के अकाउंट होते है, जो टियर-1 और टियर-2 अकाउंट है। टियर-1 में मुख्य रिटायरमेंट अकाउंट होता है। इसमें कुछ तय शर्तों के साथ पैसे विड्रॉल कर सकते हैं। इसके लिए कम से कम तीन साल की अवधि पूरी होना जरूरी है। इसमें इन्वेस्ट की गई रकम का सिर्फ 25% हिस्सा ही निकाल सकते हैं। टियर-2 में समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते है। इसे वित्त मंत्रालय नियंत्रण रखता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ही EPF का नियंत्रण करता है। इसमें कंपनी और कर्मचारी खाते में मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% योगदान करते हैं। इसमें फिलहाल 8.25% ब्याज मिल रहा है। इसमें टैक्स में छूट मिलती है वहीं कंपनी से भी योगदान के साथ बेहतर रिटर्न मिलता है।
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