सार
PAN कार्ड का इस्तेमाल इन्वेस्टमेंट, लोन, टैक्स या बिजनेस एक्टिविटी को चेक करने में किया जाता है। हर पैन कार्ड में एक नंबर लिखा रहता है। जिसमें आपकी कई जानकारियां होती हैं। हालांकि, इसकी जानकारी काफी कम लोगों को ही है।
बिजनेस डेस्क : परमानेंट अकाउंट नंबर (Permanent Account Number) यानी PAN कार्ड एक बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट है। बैंक अकाउंट खोलने, डेबिट-क्रेडिट कार्ड बनवाने, निवेश करने, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने, बीमा प्रीमियम जमा करने, 5 लाख से ज्यादा की गाड़ी, ज्वेलरी या प्रॉपर्टी खरीदने पर इसकी जरूरत पड़ती है। इसमें कार्ड होल्डर की पहचान से जुड़ी जानकारियां होती हैं। पैन कार्ड पर नाम, डेट ऑफ बर्थ लिखा होता है। इस पर 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर भी लिखा रहता है। इस नंबर को ही पैन नंबर (Pan Number) कहते हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग इस नंबर के बारें में नहीं जानते हैं। आज हम आपको इन 10 अंकों का पूरा मतलब बताएंगे। यहां जानिए...
PAN कार्ड का नंबर का महत्व
पैन कार्ड का नंबर आपकी डिटेल्स से बना होता है। इस नंबर के पहले 3 डिजिट अंग्रेजी के लेटर होते हैं। ये AAA से लेकर ZZZ तक कुछ भी हो सकते हैं। ये लेटर लेटेस्ट तौर पर चल रही सीरीज के हिसाब से तय किए जाते हैं। चौथा लेटर टैक्सपेयर कैटेगरी बताता है। इसी से पता चलता है कि कार्ड होल्डर किस कैटेगरी में आते हैं। जैसे अगर चौथा लेटर C है तो इसका मतलब कंपनी और अगर P है तो इंडिविजुअल माना जाता है। पैन कार्ड का 5वां डिजिट सरनेम बताता है। यह सरनेम का पहला लेटर होता है। जैसे अगर किसी का सरनेम पांडेय है तो 5वां लेटर P होगा। 5वें के बाद के सभी लेटर इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट तय करता है।
PAN नंबर के 10 अंकों का मतलब
P- इंडिविजुअल या पर्सनल
F- फर्म
C- कंपनी
A- AOP (Association of Persons)
T- ट्रस्ट
H- HUF (Hindu Undivided Family)
B- BOI (Body of Individual)
L- लोकल
J- आर्टिफिशियल जुडिशियल पर्सन (Artificial Judicial Person)
G- गवर्नमेंट के लिए
पैन कार्ड कितने तरह के होते हैं
पैन कार्ड एक-दो नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं। भारतीय नागरिक ही नहीं फॉरेनर्स के लिए भी पैन कार्ड बनाए जाते हैं। भारतीय इसे बनवाने के लिए फॉर्म नंबर 49A में आवेदन करते हैं, जबकि विदेशी नागरिक फॉर्म नंबर 49AA लेते हैं। किसी कंपनी के नाम पर लेनदेन के लिए बनवाया गया पैन कार्ड बिजनेस पैन कार्ड कहा जाता है।
पैन कार्ड की जरूरत कहां-कहां पड़ती है
- शेयरों खरीदने के लिए किसी कंपनी को 50,00 रुपए से ज्यादा पेमेंट करने पर।
- 5 लाख रुपए या उससे ज्यादा कीमत की अचल संपत्ति खरीदने पर।
- 5 लाख से ज्यादा के गहने खरीदने पर।
- बॉन्ड या डिबेंचर खरीदने के लिए किसी कंपनी को 50,000 रुपए या इससे ज्यादा देने पर।
- गाड़ी खरीदने और बचेने के लिे।
- बैंक के डिपॉजिट में 50 हजार रुपए से ज्यादा जमा हो तब।
- पोस्ट ऑफिस में किसी अकाउंट में 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम डालने पर।
- 1 लाख या इससे ज्यादा का कीमती सामान खरीदने पर।
- किसी भी बैंक में खाता खोलने पर।
- टेलीफोन कनेक्शन लगवाने पर।
- होटल में एक दिन का खर्च 25 हजार रुपए से ज्यादा होने पर।
- एक दिन में 50 हजार रुपए से ज्यादा बैंक ड्राफ्ट, भुगतान ऑर्डर या बैंकर चेक कैश में खरीदना।
- फॉरेन ट्रिप के लिए अगर 25 हजार या उससे ज्यादा में टिकट खरीदने पर।
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