Personal Loan: अगर आपका पर्सनल लोन चल रहा है और अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए, तो सवाल उठता है कि टॉप-अप लोन या फ्रेश लोन दोनों में कौन ज्यादा बेहतर है? यहां जानिए फैसला लेने से पहले आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
Top Up Loan vs Fresh Loan: कई बार ऐसा होता है कि आपका पर्सनल लोन चल रहा हो और फिर से अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या नया लोन लेना सही रहेगा या मौजूदा लोन पर टॉप-अप लेना बेहतर होगा? दोनों से आपको पैसे जल्दी मिल सकते हैं, लेकिन सही फैसला इस बात पर डिपेंड करता है कि आपको कितनी जल्दी पैसे चाहिए, ब्याज दर कितनी सस्ती है और लोन कितने समय तक रखना है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं...
टॉप-अप लोन क्या होता है?
टॉप-अप लोन मतलब का मतलब अपने मौजूदा लोन पर 'थोड़ा और' लोन लेना है। अगर आपने अपने पर्सनल लोन की कुछ EMI समय पर चुकाई हैं, तो बैंक आपको भरोसेमंद ग्राहक मानता है। ऐसे में वो आपको बिना ज्यादा डॉक्यूमेंट्स या KYC प्रॉसेस के ऊपर से एक एक्स्ट्रा अमाउंट दे सकता है। सबसे बड़ी बात इसमें पैसे जल्दी मिलते हैं। कई बार तो 24 घंटे के अंदर ही अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं। जैसे, अगर आपका 2 लाख रुपए का लोन चल रहा है और बैंक आपको 1 लाख रुपए का टॉप-अप ऑफर करता है, तो अब आपकी नई लोन राशि 3 लाख रुपए हो जाएगी और EMI उसी हिसाब से एडजस्ट होगी।
फ्रेश लोन क्या होता है?
फ्रेश लोन यानी बिल्कुल नई शुरुआत। आप चाहे तो उसी बैंक से या किसी नए बैंक से नया आवेदन (Application) कर सकते हैं।इसमें फिर से डॉक्यूमेंट, KYC, इनकम प्रूफ सब जमा करने पड़ते हैं। इसका फायदा ये है कि आप ब्याज दरों या इंटरेस्ट रेट्स कंपेयर कर सकते हैं। अगर मार्केट में रेट कम हैं या आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर हुआ है, तो नया बैंक आपको सस्ती ब्याज दर दे सकता है।
टॉप-अप या फ्रेश लोन में कौन सा सस्ता पड़ता है?
यह पूरी तरह आपकी कंडिशन पर निर्भर करता है। अगर आपका बैंक टॉप-अप लोन उसी या थोड़ा कम ब्याज दर पर दे रहा है और प्रोसेसिंग फीस कम है, तो टॉप-अप लोन सस्ता पड़ता है। लेकिन अगर किसी दूसरे बैंक में 2% या उससे ज्यादा सस्ता रेट मिल रहा है, तो फ्रेश लोन या बैलेंस ट्रांसफर के साथ टॉप-अप लेना फायदेमंद हो सकता है। ध्यान रखें कि सिर्फ 0.5% या 1% का रेट डिफरेंस हमेशा बचत नहीं देता है। हमेशा कुल लागत देखें। ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, इंश्योरेंस और टेन्योर सब पर ध्यान देना चाहिए।
कौन सा लोन जल्दी मिलता है?
टॉप-अप लोन में बैंक के पास आपकी डिटेल पहले से होती है, इसलिए आपको 24 से 48 घंटे में पैसे मिल सकते हैं। वहीं, फ्रेश लोन में वैरिफिकेशन और अप्रूवल में 3 से 7 दिन तक लग सकते हैं। अगर मेडिकल इमरजेंसी, घर की मरम्मत या किसी शॉर्ट-टर्म जरूरत के लिए पैसे चाहिए तो टॉप-अप लोन सबसे बेस्ट ऑप्शन है।
प्री-पेमेंट और फ्लैक्सिबिलिटी में कौन बेहतर?
टॉप-अप लोन आमतौर पर आपके पुराने लोन की शर्तों को फॉलो करता है। मतलब आप चाहे तो कुछ महीनों बाद प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर कर सकते हैं। नया लोन (Fresh Loan) पूरी तरह नई शर्तों के साथ आता है, इसलिए पहले से ही प्री-पेमेंट चार्जेज और लॉक-इन पीरियड जरूर चेक करें।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से है। लोन से जुड़ा हर निर्णय आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
इसे भी पढ़ें- लोन खत्म करने से पहले जान लें 5 सबसे जरूरी बातें, वरना पछताएंगे!
इसे भी पढ़ें- 24 घंटे में पड़ जाए कैश की जरूरत? बनाओ ऐसा इमरजेंसी फंड, जो हर वक्त दे साथ
