सार

सामान्य तौर पर पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है। इसके बाद कंज्यूमर को दो बार मैच्योरिटी बढ़ाने का मौका दिया जाता है।

 

PPF Account. आपने पीपीएफ अकाउंट खोला और 15 साल बाद उसकी मैच्योरिटी पूरी हो गई तो पहला सवाल उठता है कि अब आगे क्या? पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद खाताधारकों को दो बार 5-5 साल की अवधि बढ़ाने का मौका दिया जाता है। यह आपके ऊपर है कि मैच्योरिटी बढ़ाते हैं या नहीं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि फायदा किसमें है।

सुरक्षित होता है पीपीएफ अकाउंट

पीपीएफ यानि पब्लिक प्रोविडेंट फंड केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली सुरक्षित बचत योजना है। इस पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता और यह राशि डूबने का भी कोई खतरा नहीं है। पीपीएफ एक प्रकार से ईईई कैटेगरी की योजना है। इसका मतलब इसमें इंवेस्टमेंट करने पर एक वर्ष में डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा की टैक्स छूट पाई जा सकती है।

पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड और ब्याज

सामान्यतौपर पर पीपीएफ अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है। यानि एक बार निवेश कर दिया गया तो वह अमाउंट आप 15 साल के बाद ही निकाल सकते हैं। मौजूदा समय में इस पर करीब 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। यह ब्याज दर सरकार द्वारा हर वर्ष रिवाइज किया जाता है। यदि आप मैच्योरिटी के बाद भी इसकी अवधि बढ़ाना चाहते हैं तो दो बार 5-5 साल तक बढ़ा सकते हैं।

पीपीएफ मैच्योरिटी के बाद एक्सटेंशन सही या गलत

पहली बात यह समझ लें कि यदि आपकी मैच्योरिटी पूरी हो गई है तो आप जमा राशि का 60 प्रतिशत निकाल सकते हैं। इसके अलावा चाहें तो दो बार एक्सटेंशन भी कर सकते हैं। वैसे एक्सपर्ट्स का मानना है कि पीपीएफ अवधि को बढ़ाना फायदेमंद होता है। पीपीएफ पर हर महीने की 4 तारीख से पहले निवेश करना चाहिए ताकि महीने का पूरा ब्याज मिल सके।

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