सार

MyGovIndia के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में भारत में 8.95 करोड़ डिजिटल ट्रांसजेक्शन किए गए। इस रिकॉर्ड के बाद भारत ने दुनिया के 5 देशों को पीछे छोड़कर टॉप रैंकिंग पर कब्जा कर लिया है।

Digital Payment India. डिजिटल पेमेंट की शुरूआत के बाद से ही लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में डिजिटल पेमेंट ने तेजी पकड़ी और साल 2022 में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। MyGovIndia के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में भारत में 8.95 करोड़ डिजिटल ट्रांसजेक्शन किए गए। इस रिकॉर्ड के बाद भारत ने दुनिया के 5 देशों को पीछे छोड़कर टॉप रैंकिंग पर कब्जा जमा लिया है।

भारत में 46 प्रतिशत रियल टाइम डिजिटल पेमेंट

सरकार का डाटा बताता है कि साल 2022 में भारत ने 46 प्रतिशतक ग्लोबल रियल टाइम पेमेंट्स किए हैं। यह डाटा दुनिया के 4 दूसरे सबसे बड़े ट्रांजेक्शन करने वाले देशों से ज्यादा है। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार ने यह डाटा सार्वजनिक किया है। जिसके अनुसार भारत तेजी से कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है। डिजिटल पेमेंट के मामले में हम दुनिया के सभी देशों को पीछे छोड़ चुके हैं।

डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन वाले टॉप -5 देश

  • भारत 89.5 मिलियन ट्रांजेक्शन
  • ब्राजील 29.2 मिलियन ट्रांजेक्शन
  • चीन 17.6 मिलियन ट्रांजेक्शन
  • थाइलैंड 16.5 मिलियन ट्रांजेक्शन
  • साउथ कोरिया 8 मिलियन ट्रांजेक्शन

डिजिटल पेमेंट्स में भारत को मिली टॉप रैंकिंग

माय गवर्नमेंट इंडिया का डाटा बताता है कि भारत ने 89.5 मिलियन ट्रांजेक्शन के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट का रिकॉर्ड बनाया है। जबकि दूसरे नंबर पर ब्राजील, तीसरे पर चीन, चौथे पर थाईलैंड और 5वें नंबर पर साउथ कोरिया है। लेकिन ट्रांजेक्शन के लिहाज से देखा जाए भारत का ट्रांजेक्शन दूसरे नंबर के ब्राजील से करीब तीन गुना ज्यादा है।

क्या है MyGovIndia प्लेटफॉर्म

भारत सरकार ने यह प्लेटफॉर्म देश के नागरिकों के विचार और सुझाव जानने के लिए लांच किया है। इस प्लेटफॉर्म पर देश के नागरिक साथ में काम कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि डिजिटल पेमेंट की अवधारणा हमारी ग्रामीण अर्थव्यस्था को पूरी तरह से बदलने वाला साबित हो रहा है। भारत न सिर्फ डिजिटल पेमेंट्स में नंबर बन चुका है बल्कि सबसे सस्ता मोबाइल डाटा भी भारत में उपलब्ध है। डिजिटल पेमेंट भारत के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है।

यह भी पढ़ें

पाकिस्तान का हाल: खाने को अनाज नहीं, सिर पर कर्ज का पहाड़, फिर भी डिफेंस पर खर्च करेगा 1.8 ट्रिलियन रुपए