सार

पाकिस्तान की सरकार ने रक्षा (Pakistan Defence Budget) पर 1.8 ट्रिलियन रुपए खर्च करने का फैसला किया है। डिफेंस बजट में 15.5 फीसदी की वृद्धि की गई है। पूरा बजट 14.5 ट्रिलियन रुपए का है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को 14.5 ट्रिलियन रुपए (पाकिस्तानी) का बजट पेश किया। इसमें से करीब आधा पैसा 7.3 ट्रिलियन रुपए कर्ज की किश्तें चुकाने में खर्च होगा। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान के लोग दो वक्त भोजन के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे वक्त में जब देश में खाने के लिए अनाज की कमी है और सिर पर कर्ज का पहाड़ लदा है, पाकिस्तान की सरकार सेना पर खर्च कम नहीं कर पाई है। सरकार ने डिफेंस बजट को बढ़ाकर 1.8 ट्रिलियन रुपए कर दिया है।

कंगाली की स्थिति का सामना कर रहे पाकिस्तान ने 2023-2024 के लिए डिफेंस बजट में 15.5 फीसदी की वृद्धि की है। यह 1.8 ट्रिलियन रुपए से अधिक है। वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में 3.5 प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य रखा है।

चुनाव से पहले सरकार ने पेश किया आखिरी बजट

पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं। इससे पहले वर्तमान सरकार द्वारा पेश किया गया यह आखिरी बजट है। सरकार ने बजट में लोकलुभावन फैसले लेने की पूरी कोशिश की है। इसपर इशाक डार ने कहा कि बजट को इलेक्शन बजट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह जिम्मेदार बजट है।

पाकिस्तान ने रक्षा बजट में की वृद्धि

पाकिस्तान की सरकार ने 1.8 ट्रिलियन रुपए का रक्षा बजट रखा है। तमाम आर्थिक संकट के बाद भी रक्षा बजट में वृद्धि की गई है। पिछले साल से यह 1.523 बिलियन रुपए अधिक है। पाकिस्तान का रक्षा बजट GDP का 1.7 फीसदी है। पिछले साल की तुलना में रक्षा बजट में 15.5 फीसदी वृद्धि की गई है।

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पाकिस्तान को 7,303 बिलियन रुपए कर्ज का करना है भुगतान

पाकिस्तान को वित्त वर्ष 2023-24 में 7,303 बिलियन रुपए कर्ज का भुगतान करना है। यह पाकिस्तान की सरकार द्वारा किया जाने वाला सबसे बड़ा खर्च है। इसके बाद डिफेंस इंडस्ट्री से जुड़ी लागतें आती हैं। मंत्री ने अगले वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत जीडीपी विकास लक्ष्य की घोषणा की। उन्होंने बताया कि आने वाले साल में बजट घाटा GDP का 6.54 फीसदी रहने का अनुमान है। महंगाई 21 फीसदी रह सकती है। सरकार ने 30 बिलियन रुपए का निर्यात लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही विदेश में काम करने वाले पाकिस्तानियों द्वारा भेजे जाने वाले पैसे का लक्ष्य 33 बिलियन रुपए रखा गया है।