सार

पाकिस्तान में महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि पेट्रोल के दाम 272 रुपए लीटर तक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही खाने-पीने की चीजें भी आसमान छू रही हैं। देश को महंगाई की आग में झोंक पीएम शहबाज शरीफ तुर्किये रवाना हो गए हैं। इसे लेकर उनकी जमकर किरकिरी हो रही है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान इन दिनों कंगाली की कगार पर पहुंच चुका है। वहां हालत बद से बदतर हो चुके हैं। महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि पेट्रोल के दाम 272 रुपए लीटर तक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही खाने-पीने की चीजें भी आसमान छू रही हैं। देश को महंगाई की आग में झोंक कर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्किये रवाना हो गए हैं। शरीफ तुर्किये में आए भूकंप पीड़ितों को सांत्वना देने गए हैं। इधर, शहबाज शरीफ तुर्किये के लिए रवाना हुए, उधर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की जनता ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया।

तुर्किये रवाना होने से पहले शरीफ ने कही ये बात :

तुर्किये रवाना होने से पहले पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए कहा- मैं पाकिस्तान के लोगों और सरकार की तरफ से तुर्किये के भाइयों-बहनों के समर्थन के लिए वहां जा रहा हूं। दो देशों में रहने वाले एक राष्ट्र की भावना के अनुसार हम उनके नुकसान को अपना ही मानते हैं। हालांकि, शहबाज शरीफ के रवाना होते ही लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी जमकर खिंचाई की।

जो दूसरों की मदद करने जा रहे, उन्हें खुद मदद की जरूरत :

एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा- हमारे प्रधानमंत्री तुर्किये की मदद करने जा रहे हैं, इधर उनके अपने देश को मदद की जरूरत है। एक और यूजर ने कहा- शरीफ अपनी विदेश यात्राओं पर जनता का पैसा लुटा रहे हैं, जबकि देश जिंदा रहने की जद्दोजहद कर रहा है। एक और यूजर ने लिखा- शरीफ अपनों के साथ खड़े नहीं हो सकते, लेकिन दूसरों की मदद के लिए जाना है।

तुर्किये ने शहबाज को आने से कर दिया था मना :

बता दें कि तुर्किये में भूकंप आने के दूसरे दिन ही शहबाज शरीफ वहां के लिए रवाना होने वाले थे। लेकिन तब तुर्किये ने उन्हें ये कहते हुए आने से मना कर दिया था कि हम भूकंप जैसी त्रासदी में फिलहाल लोगों के राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। ऐसे में किसी वीआईपी की अगवानी के लिए हमारे पास बिल्कुल भी वक्त नहीं है।

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पाकिस्तान का खास दोस्त है तुर्किए :

बता दें कि तुर्किए इस्लामिक देशों का खलीफा कहलाता है। इसके साथ ही पाकिस्तान के इस्लामिक राष्ट्र होने की वजह से तुर्किए हर मामले में उसका साथ देता रहा है। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तान से अपनी दोस्ती निभाते हुए कई बार संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। वहीं, पाकिस्तान का साथ देने की वजह से तुर्किए ने हमेशा भारत को नाखुश किया है।

पाकिस्तान कंगाली की कगार पर :

बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 3 बिलियन डॉलर का फॉरेन एक्सचेंज ही बचा है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार के चलते पाकिस्तान के पास बाहर से आयात की जाने वाली चीजों के लिए पैसे की भारी किल्लत हो गई है। यही वजह है कि वहां महंगाई चरम पर पहुंच गई है।

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