सार
Startup India Registration Guide: भारत में स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं? स्टार्टअप इंडिया के साथ रजिस्ट्रेशन करने का आसान तरीका जानें। सरकार से मान्यता और टैक्स छूट पाने के लिए गाइड!
Startup India: भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही भारत के उद्योग भी प्रगति कर रहे हैं। स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार युवा उद्यमियों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए मदद कर रही है। स्टार्टअप देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही इनोवेशन के कल्चर को बल दे रहे हैं।
क्या है स्टार्टअप? (What is Startup)
स्टार्टअप एक ऐसा व्यवसाय है जो समाज में मौजूद किसी समस्या का समाधान करने वाले इनोवेटिव प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करता है। स्टार्टअप किसी मौजूदा प्रोडक्ट या सर्विस को बेहतर बनाने के लिए उसका पुनर्विकास भी कर सकता है।
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित करने, स्टार्टअप को मान्यता और बढ़ावा देने तथा प्रतिभाशाली उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल शुरू की है।
7 आसान स्टेप में कर सकते हैं स्टार्टअप इंडिया के साथ स्टार्टअप रजिस्टर्ड
स्टेप 1: अपना व्यवसाय शामिल करें
अपने कारोबार को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के रूप में शामिल करें। आपको अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए सभी सामान्य प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। जैसे रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन फॉर्म जमा करना और निगमन/साझेदारी रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट प्राप्त करना।
आप अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) के पास रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन जमा कर एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या एक LLP (Limited Liability Partnership) स्थापित कर सकते हैं। आप अपने क्षेत्र के फर्म रजिस्ट्रार के पास अपनी फर्म के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर साझेदारी फर्म स्थापित कर सकते हैं। आपको पंजीकरण आवेदन के साथ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज या रजिस्ट्रार ऑफ फर्म्स के पास जरूरी डॉक्यूमेंट्स और फीस जमा करनी होगी।
स्टेप 2: स्टार्टअप इंडिया के साथ रजिस्टर करें
व्यवसाय को स्टार्टअप के रूप में रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया आसान और ऑनलाइन है। स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट पर जाएं और ‘रजिस्टर’ बटन पर क्लिक करें। इसके बाद एक फॉर्म खुलेगा। इसमें अपना नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पासवर्ड डालें। इसके बाद ‘Register’ बटन पर क्लिक करें।
इसके बाद आपके ईमेल पर भेजा गया OTP और अन्य जानकारी जैसे यूजर टाइप, नाम और स्टार्टअप का स्टेज जैसी जानकारी दें। फिर ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें। इसके बाद स्टार्टअप इंडिया प्रोफाइल बनेगी। एक बार वेबसाइट पर प्रोफाइल बन जाने के बाद आप स्टार्टअप वेबसाइट पर इनक्यूबेटर/मेंटरशिप कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आपको शिक्षण संसाधनों, फंडिंग ऑप्शन, सरकारी योजनाओं और बाजार तक पहुंच प्राप्त हो सकती है।
स्टेप 3: DPIIT मान्यता प्राप्त करें
Startup India Website पर प्रोफाइल बनाने के बाद अगला कदम DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) से मान्यता प्राप्त करना है। DPIIT की मान्यता से स्टार्टअप्स को हाई क्वालिटी वाली बौद्धिक संपदा सेवाओं और संसाधनों तक पहुंच मिलती है। सार्वजनिक खरीद मानदंडों में छूट का लाभ मिलता है। लेबर और पर्यावरण कानूनों के तहत सर्टिफिकेशन, कंपनी की इजी वाइंडिंग, फंड ऑफ फंड्स तक पहुंच, लगातार 3 साल तक टैक्स छूट और उचित बाजार मूल्य से अधिक निवेश पर टैक्स छूट जैसे लाभ पाने में मदद मिलती है।
DPIIT मान्यता प्राप्त करने के लिए स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट पर अपने रजिस्टर्ड प्रोफाइल क्रेडेंशियल्स के साथ लॉग इन करें। ‘Recognition’ टैब में दिए गए ‘DPIIT मान्यता के लिए आवेदन करें’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
स्टेप 4: मान्यता आवेदन
'Startup Recognition Form' पर आपको इकाई विवरण, ऑफिस का पता, ऑथराइज्ड रिप्रेजेन्टेटिव डिटेल्स, निदेशक/भागीदार का विवरण, आवश्यक जानकारी, स्टार्टअप गतिविधियां और सेल्फ सर्टिफिकेशन जैसी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद फॉर्म के दाईं ओर प्लस चिह्न पर क्लिक करें और फॉर्म के प्रत्येक सेक्शन पर क्लिक करें। ‘स्टार्टअप मान्यता फॉर्म’ के सभी सेक्शन पर क्लिक करने के बाद नियम और शर्तों को स्वीकार करें और ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 5: रजिस्ट्रेशन के लिए देने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स
- आपके स्टार्टअप का निगमन/पंजीकरण सर्टिफिकेट
- यदि कोई हो तो फंडिंग का सर्टिफिकेट
- कंपनी, LLP या साझेदारी फर्म के ऑथराइज्ड रिप्रेजेन्टेटिव का लेटर ऑफ ऑथराइजेशन
- पिच डेक/वेबसाइट लिंक/वीडियो जैसे प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (मान्यता/प्रारंभिक ट्रैक्शन/स्केलिंग स्टेज स्टार्टअप के मामले में)
- पेटेंट और ट्रेडमार्क विवरण, यदि कोई हो
- पुरस्कारों या मान्यता प्रमाणपत्रों की सूची, यदि कोई हो
- पैन नंबर
स्टेप 6: रिकग्निशन नंबर
आवेदन करने पर आपको अपने स्टार्टअप के लिए रिकग्निशन नंबर मिल जाएगी। आपके सभी दस्तावेजों की जांच के बाद रिकग्निशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। यह आमतौर पर ऑनलाइन विवरण जमा करने के 2 दिनों के भीतर किया जाता है।
स्टेप 7: अन्य क्षेत्र
पेटेंट, ट्रेडमार्क और/या डिजाइन रजिस्ट्रेशन: यदि आपको अपने इनोवेशन के लिए पेटेंट या अपने व्यवसाय के लिए ट्रेडमार्क चाहिए तो आप सरकार द्वारा जारी सुविधाकर्ताओं की सूची में से किसी से भी आसानी से संपर्क कर सकते हैं। आपको इसके लिए शुल्क देना होगा। आपको शुल्क में 80% की छूट मिलेगी।
स्टार्टअप के लिए फंडिंग
कई स्टार्टअप के सामने सबसे बड़ी चुनौती फंडिंग है। अनुभव, सुरक्षा या मौजूदा नकदी प्रवाह की कमी के कारण, बहुत से उद्यमी निवेशकों को आकर्षित नहीं कर पाते। इसके अलावा, स्टार्टअप ऊंची जोखिम वाले होते हैं। इनके फेल होने की संभावना अधिक रहती है, जिसके चलते बहुत से निवेशक इनमें पैसे लगाने से बचते हैं। फंडिंग सहायता के लिए सरकार ने अगले 4 वर्षों के लिए 945 करोड़ रुपए के आउटले के साथ 21.01.2021 को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) की स्थापना की है। रोजगार और श्रम कानूनों के तहत सेल्फ सर्टिफिकेशन: स्टार्टअप श्रम कानूनों और पर्यावरण कानूनों के तहत सेल्फ सर्टिफिकेशन कर सकते हैं।
स्टार्टअप को मिलती है टैक्स छूट
स्टार्टअप को 3 साल के लिए इनकम टैक्स से छूट दी जाती है। इसका लाभ उठाने के लिए अंतर-मंत्रालयी बोर्ड (IMB) द्वारा प्रमाणित होना पड़ता है। 1 अप्रैल 2016 को या उसके बाद निगमित स्टार्टअप आयकर छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
स्टार्टअप इंडिया के साथ कौन रजिस्ट्रेशन कर सकता है?
एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के रूप में निगमित इकाई स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत खुद को रजिस्टर्ड कर सकती है। सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। निगमन/पंजीकरण की तारीख से 10 साल तक अस्तित्व में रहना चाहिए। प्रोडक्ट या सर्विस में इनोवेशन होना चाहिए।
स्टार्टअप इंडिया के साथ साइन अप करने के क्या फायदे हैं?
स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत स्टार्टअप को कई लाभ मिलते हैं। इसके लिए DPIIT द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त होना जरूरी है। स्टार्टअप्स को 6 श्रम कानूनों और 3 पर्यावरण कानूनों के पालन को सेल्फ सर्टिफिकेशन करने की अनुमति है। यह सुविधा इकाई के निगमन/पंजीकरण की तारीख से 5 साल तक मिलती है। स्टार्टअप्स को 3 साल तक टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
मुझे अपने स्टार्टअप के लिए किस प्रकार का बिजनेस स्ट्रक्चर चुनना चाहिए?
स्टार्टअप के लिए सबसे पसंदीदा बिजनेस स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां और एलएलपी हैं। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है और आम तौर पर निवेशकों द्वारा पसंद की जाती है। हालांकि, इसमें सख्त अनुपालन होता है। निगमन (incorporation) की लागत अधिक हो सकती है। LLPs के लिए निगमन लागत कम है। निजी लिमिटेड कंपनियों की तुलना में उनके पास आसान अनुपालन होता है। इसके अलावा, LLP की लायबिलिटी सीमित होती हैं। निवेशकों और पूरी दुनिया में समान रूप से मान्यता प्राप्त होती हैं।
स्टार्ट-अप में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए क्या करूं?
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आपको स्केलेबल मॉडल के साथ शानदार प्रोडक्ट तैयार करना होगा। आपको विजिबिलिटी (लोग आपके प्रोडक्ट को देखें) भी चाहिए। तय करें कि आपके प्रोडक्ट को स्वस्थ जुड़ाव और आकर्षण मिले। आपको स्टार्टअप इंडिया पर अपने स्टार्टअप को रजिस्टर्ड करना होगा और सक्रिय रूप से निवेशकों की तलाश करनी होगी। आपको निवेशक को अपने व्यवसाय के बारे में ठीक तरह बताना होगा।
क्या कोई विदेशी कंपनी स्टार्टअप इंडिया हब के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकती है?
कोई भी इकाई जिसका भारत में कम से कम एक रजिस्टर्ड ऑफिस है वह स्टार्टअप इंडिया हब पर खुद को रजिस्टर्ड करा सकती है। फिलहाल स्थान वरीयताएं केवल भारतीय राज्यों के लिए बनाई गई हैं। सरकार जल्द ही ग्लोबल इकोसिस्टम से स्टेकहोल्डर्स के लिए भी जरिस्ट्रेशन शुरू करने की उम्मीद करती है।
एक्सेलरेटर और इनक्यूबेटर में क्या अंतर है?
स्टार्टअप इनक्यूबेटर आम तौर पर ऐसे संस्थान होते हैं जो उद्यमियों को उनके व्यवसाय को विकसित करने में मदद करते हैं। खासकर शुरुआती चरणों में। वहीं, इनक्यूबेशन फंक्शन आमतौर पर उन संस्थानों द्वारा किया जाता है, जिनके पास कारोबार और तकनीक की दुनिया में अनुभव होता है।
स्टार्टअप एक्सेलरेटर शुरुआती चरण में कंपनियों को मदद करती है। इन कार्यक्रमों में आम तौर पर एक समय सीमा होती है, जिसमें अलग-अलग कंपनियां कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीने तक ऐसे सलाहकारों के समूह के साथ काम करती हैं जो शिक्षित होते हैं और वित्तीय मदद भी दे सकते हैं।
किसी कंपनी को स्टार्टअप के रूप में कितने समय के लिए मान्यता मिलती है?
कोई भी व्यावसायिक इकाई जिसने अपने निगमन/पंजीकरण की तारीख से 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं और पिछले वर्ष का कारोबार 100 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, वह स्टार्टअप नहीं रह जाएगी।
क्या कोई मौजूदा इकाई स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर खुद को “स्टार्टअप” के रूप में रजिस्टर्ड कर सकती है?
हां, कानून के अनुसार कोई मौजूदा इकाई खुद को स्टार्टअप के रूप में रजिस्टर्ड कर सकती है। इसके लिए उसे स्टार्टअप के लिए तय मानदंडों को पूरा करना होगा। उसे स्टार्टअप के लिए उपलब्ध विभिन्न टैक्स और IPR लाभ भी मिलेंगे।