Vodafone Idea Share News: वोडाफोन-आइडिया (Vi) के शेयरों में 27 अक्टूबर को 9% की तेज बढ़त देखने को मिली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार चाहे तो AGR केस में कंपनी की रिक्वेस्ट दोबारा विचार कर सकती है।

Vodafone Idea Share: 27 अक्टूबर को वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। सुबह 12 बजे तक NSE पर इसका शेयर 10.11 रुपए पर ट्रेड कर रहा था, जो 5% से ज्यादा की बढ़त है। इससे पहले शेयर 9% तक भी उछला था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'इसमें कोई वजह नहीं कि केंद्र सरकार वोडाफोन-आइडिया की AGR रिक्वेस्ट पर दोबारा विचार न करे।' मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और विपुल एम पंचोली की बेंच ने यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि यह आदेश विशेष परिस्थितियों और 20 करोड़ यूज़र्स के हित में पारित किया गया है।

शेयर मार्केट पर असर

वोडाफोन आइडिया की इस राहत का असर पूरे टेलीकॉम सेक्टर पर पड़ा। इंडस टावर्स के शेयरों में 5% तक उछाल आया। भारती एयरटेल के शेयर लगभग 3% ऊपर ट्रेड कर रहे थे। निवेशकों ने इसे सरकार की सकारात्मक नीति संकेत के रूप में देखा।

AGR विवाद क्या है?

AGR (Adjusted Gross Revenue) वह राजस्व आंकड़ा है, जिसके आधार पर टेलीकॉम कंपनियां सरकार को लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज का भुगतान करती हैं। पहले AGR में न केवल टेलीकॉम इनकम बल्कि नॉन-टेलीकॉम इनकम (जैसे ब्याज, एसेट सेल आदि) भी शामिल थी। इससे टेलीकॉम कंपनियों पर भारी बोझ पड़ा। 2021 में सरकार ने नियमों में बदलाव किया और नॉन-टेलीकॉम इनकम को AGR से बाहर कर दिया, जिससे कंपनियों का वित्तीय दबाव कुछ कम हुआ।

Vodafone Idea की याचिका में क्या मांग थी?

वोडाफोन-आइडिया ने दूरसंचार विभाग (DoT) से अपील की है कि 2016-17 तक के AGR बकाए का पुनर्मूल्यांकन (Re-Assessment) किया जाए। कंपनी ने 5,606 करोड़ रुपए की डिमांड को लेकर नई याचिका दायर की है और कहा कि AGR की गणना में कई अरिथमेटिकल एरर और डुप्लिकेट एंट्रीज़ हैं। DoT को फरवरी 2020 के डिडक्शन वैरिफिकेशन गाइडलाइंस (Deduction Verification Guidelines) के तहत सभी बकाए की कॉम्प्रिहेंसिव रिकॉन्सिलेशन करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

सरकार का रुख

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'सरकार के पास Vodafone Idea में लगभग 50% इक्विटी है, यानी सरकार खुद कंपनी की सर्वाइवल में डायरेक्ट स्टेकहोल्डर है। किसी समाधान पर पहुंचना जरूरी है।' केंद्र सरकार ने भी संकेत दिया कि कंपनी के साथ समाधान की दिशा में प्रयास जारी हैं।

सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश

सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टेलीकॉम कंपनियों को AGR से जुड़े 93,520 करोड़ रुपए के बकाए 10 साल में चुकाने होंगे, जो नियम तय किए गए हैं उसके अनुसार, 10% रकम 31 मार्च 2021 तक देना अनिवार्य है। बाकी राशि 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2031 तक वार्षिक किस्तों में देना है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि AGR ड्यूज फाइनल है। इनमें किसी तरह का रि-असेसमेंट या डिस्प्यूट नहीं उठाया जाएगा।

अब क्या बदल सकता है?

अगर सरकार वोडाफोन आइडिया की रिक्वेस्ट पर दोबारा विचार करती है, तो कंपनी के बकाए कम हो सकते हैं, फाइनेंशियल बर्डन घटेगा और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। इसका सीधा फायदा कंपनी के ऑपरेशनल सुधार और शेयर प्राइस पर दिख सकता है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश सलाह के रूप में न लें। शेयर मार्केट में निवेश जोखिम से भरा होता है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या मार्केट एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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