सार

सीयूईटी यूजी रिजल्ट में 19,865 स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिनके 30 विषयों में 100 पर्सेंटाइल अंक आए हैं। इस परीक्षा में पास होने वाले छात्रों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत देश की 90 यूनिवर्सिटी में  एडमिशन दिया जाएगा। उनके नॉर्मलाइज्ड स्कोर के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी।

करियर डेस्क :  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने शुक्रवार को देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा सीयूईटी यूजी का रिजल्ट (CUET UG Result 2022) जारी कर दिया है। इस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को देशभर की 90 यूनवर्सिटीज में से किसी एक में पढ़ने का मौका मिलेगा। रिजल्ट के बाद अब विश्वविद्यालय अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए मेरिट लिस्ट जारी करेंगे। यह मेरिट लिस्ट परसेंटाइल नहीं बल्कि नॉर्मलाइज्ड स्कोर के आधार पर होंगे। इस बात की जानकारी यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने दी है। आइए समझते हैं क्या है पर्सेंटाइल और नॉर्मलाइज्ड स्कोर..

पर्सेंटाइल और नॉर्मलाइज्ड स्कोर में अंतर
एनटीए की तरफ से रिजल्ट के साथ जो स्कोरकार्ड दिया गया है, उसमें पर्सेंटाइल और नॉर्मलाइज्ड स्कोर दोनों है। ऐसे में छात्र कंफ्यूज हैं कि आखिर किसके बेस पर उनको यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलेगा। यूजीसी अध्यक्ष ने दोनों के बीच के अंतर को समझाते हुए बताया कि नॉर्मलाइज्ड स्कोर परफॉर्मेंस के आधार पर तैयार किया गया स्कोर है। जबकि पर्सेंटाइल छात्रों के ग्रुप में से एक स्टूडेंट को पोजिशन देने में से है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी छात्र का 85 पर्सेंटाइल है, तो 85 स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिनके अंक उससे कम हैं। अगर कैंडिडेट के 100 में से 52 नंबर है और 85 पर्सेंटाइल तो इसका मतलब 52 अंक से नीचे लाने वाले कुल 85 स्टूडेंट्स हैं।

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यूजीसी चेयरमैन ने बताया कि एनटीए ने एक ही विषय की परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित की. इसलिए हर शिफ्ट के लिए पर्सेंटाइल को काउंट किया गया है। उदाहरण के तौर पर अगर पहली शिफ्ट में किसी के 80 पर्सेंटाइल हैं और उसके मार्क्स 70 और दूसरी शिप्ट में किसी छात्र के 80 पर्सेंटाइल हैं, लेकिन उसके मार्क्स 67 हैं तो इसका मतलब यह है कि दूसरी शिप्ट की डिफिकल्टी लेवल ज्यादा थी। अब इन दोनों छात्रों की तुलना करने का प्रॉसेस यह होगा कि इसके लिए एक इक्यूपर्सेंटाइल तरीका इस्तेमाल किया जाएगा। 

किसने तैयार किया नॉर्मलाइज्ड फॉर्मूला
यूजीसी अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि सीयूईटी नॉर्मलाइज्ड का फॉर्मूला भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute), आईआईटी दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स की समिति ने तय किया है। उन्होंने छात्रों को किसी बात की चिंता न करने को कहा है और बताया है कि सभी यूनिवर्सिटी उनके नॉर्मलाइज्ड स्कोर के आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार करेंगी।

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