सार
दिल्ली ही नहीं बिहार, गुजरात और राजस्थान समेत देशभर के कई स्कूलों में शिक्षकों के बुरे बर्ताव की खबरें अक्सर आती रहती हैं। ताजा मामला देश की राजधानी से है लेकिन टीचर की इस कदर बेहरमी शिक्षा व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े करती है।
नई दिल्ली : दिल्ली (Delhi) के एक स्कूल में शिक्षक की ऐसी बेरहमी सामने आई है, जिसे देख कलेजा कांप उठेगा। विजयनगर के ICSI स्कूल के छठी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को टीचर ने इतनी बुरी तरह पीटा कि उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि छात्र होमवर्क का नोटबुक घर पर ही भूल गया था। पिछले शुक्रवार शाम जब इस घटना का खुलासा हउआ तो सभी के होश उड़ गए। रात के करीब साढ़े 9 बज रहे थे और बच्चा ट्यूशन से घर लौटा था कि उसके कान में दर्द उठने लगा। बच्चे ने यह बात अपनी मम्मी-पापा को बताया। थोड़ी ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ गई। माता-पिता बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां तीन दिन तक उसका इलाज चला और फिर सोमवार को अस्पताल ने उसे डिस्चार्ज किया।
दिल्ली ही नहीं देशभर में बेहरम हैं गुरुजी !
दरअसल, शिक्षकों का ऐसा बर्ताव दिल्ली के स्कूल में कोई नया नहीं है। ऐसी बेहरमी के मामले देशभर के कई स्कूलों में देखने को मिलते हैं। कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो पिछले शनिवार यानी दो जुलाई को ही बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) के एक स्कूल में ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां एक टीचर का गुस्सा 5 साल के बच्चे पर कहर बनकर टूटा। उसने बच्चे को इतना मारा कि डंडा ही टूट गया।
पटना की घटना का वीडियो वायरल
इसका वीडियो सामने आया तो हड़कंप मच गया। वायरल वीडियो में शिक्षक काफी गुस्से में दिख रहा है और बच्चे को बुरी तरह पीटने के बाद वह मासूमके बाल पकड़ता है और उसे घसीटता हुआ ले जाता है। इस दौरान भी वह उसे थप्पड़ों से पीटता दिकाई दिया। बच्चा चीखता रहा, रोता रहा लेकिन शिक्षक बाज नहीं आया। जानकारी के मुताबिक यह मामला पटना के धनरूआ के वीर ओरियारा स्थित जया पब्लिक स्कूल का है। यहां जया क्लासेस के तहत बच्चों को नवोदय और सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षाओं के लिए ट्यूशन दिया जाता है। कोचिंग के संचालक अमरकांत कुमा ने बताया कि शिक्षक को बीपी यानी ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है। शायद उसका बीपी बढ़ गया होगा और उसने बच्चे की पिटाई कर दी होगी लेकिन इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
जब राजस्थान में कसाई बन गया टीचर
राजस्थान के चूरू (Churu) में पिछले साल नवंबर हुए दिल दहलाने वाले मामले को कौन भला भूल सकता है। जब सालासर थाना क्षेत्र के गांव कोलासर में होमवर्क नहीं करने पर एक शिक्षक ने 7वीं कक्षा के छात्र गणेश की जान ले ली थी। उसने 13 साल के बच्चे को लात-घूसे, मुक्के से इतनी बेहरमी से पीटा था कि बच्चा बेहोश हो गया था और जब कुछ देर तक होश नहीं आया तो उसे अस्पताल भी लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। आरोपी टीचर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
गुजरात में टीचर की मार, 15 बच्चे बीमार
गुजरात में भी इस तरह की घटना हो चुकी है। तीन साल पहले मूली तहसील के घोणिया गांव में एक शिक्षक ने मारते-मारते 15 बच्चों को बुरी तरह घायल कर दिया था। दरअसल, यहां के एक स्कूल में शाम 4 बजे 6वीं और 8वीं क्लास के छात्र मैदान में खेल रहे थे। तभी देवेंद्र झाला नाम का शिक्षक वहां पहुंच गया। उसने बच्चों को खेल बंद कर क्लास में जाने को कहा। एक घंटे बाद शाम 5 बजे तक स्कूल की छुट्टी हुई तो शिक्षक बच्चों पर टूट पड़ा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि आखिर तुम्हें खेलने को बोला किसने? उसने बच्चों को इतना मारा कि 15 बच्चे जख्मी हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।
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