सार


मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने परीक्षाओं को लेकर कहा है कि कोरोना के केस बढ़ने की वजह से छात्रों को परीक्षा देने के लिए दो विकल्प दिए हैं। 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं और 10वीं एवं 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षाओं के लिए दो विकल्प होंगे। सरकारी स्कूलों को केवल एक ही विकल्प से परीक्षा करानी होगी जबकि प्राइवेट स्कूल दोनों विकल्पों लागू कर सकते हैं। 

भोपाल. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने 9वीं और 11वीं कक्षा परीक्षा को लेकर नया आदेश दिया है। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार के निर्देश पर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को वार्षिक परीक्षा तथा प्री-बोर्ड परीक्षाओं के लिये दो विकल्प दिये गये हैं। मध्यप्रदेश समते देश के कई राज्यों में कोरोना दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। 

क्या हैं विकल्प
पहला विकल्प ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जाए। 
दूसरा विकल्प छात्रों को प्रश्न पत्र विद्यालयों से वितरित होंगे, जिसे छात्र अपने घर में हल करके स्कूल द्वारा निर्धारित समय सीमा में स्कूल में जमा करेंगे।

कलेक्टरों को सौंपी गई जिम्मेदारी
कोरोना वायरस संकमण को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है।

प्री-बोर्ड परीक्षाओं के लिए भी विकल्प
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में कक्षा 9वी एवं 11वीं की वार्षिक परीक्षा तथा कक्षा 10वीं एवं 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र विद्यालयों से वितरित होंगे, जिसे विद्यार्थी घर पर हल कर विद्यालय द्वारा निर्धारित समय सीमा में अपने विद्यालय में जमा करेंगे।

जबकि अशासकीय विद्यालयों को यह छूट होगी की वे या तो ऑनलाइन परीक्षाएं संचालित कर ले या फिर शासकीय विद्यालयों की तरह विद्यार्थियों से घर पर प्रश्न पत्र हल कराकर विद्यालय में जमा कराके मूल्यांकन करें। कक्षा 10वीं एवं 12वीं की प्रायोगिक परीक्षायें एवं वार्षिक परीक्षायें संबंधित बोर्ड माध्यमिक शिक्षा मण्डल, सीबीएसई, आईसीएसई आदि के निर्देश के अनुसार आयोजित की जायेंगी।