सार

असम बोर्ड हाईस्कूल के रिजल्ट में पिछले साल की तुलना में काफी गिरावट हुई है। साल 2021 में 93.10 प्रतिशत रिजल्ट था, जो इस बार 56.49 परसेंट ही रहा। हालांकि पिछली साल कोरोना के चलते परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई थी। 

करियर डेस्क :  असम (Assam) में इस साल 10वीं की परीक्षा में 34 ऐसे स्कूल हैं, जहां का रिजल्ट जीरो रहा है। यानी इन स्कूलों में एक भी स्टूडेंट पास नहीं हो सका। अब सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। ये सभी स्कूल राज्य सरकार की तरफ से संचालित किए जाते हैं। इस साल हाईस्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (HSLC) यानी 10वीं में यहां पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं फेल हो गई हैं। वही, सरकार के इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल भी उठाए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राज्य सरकार के इस फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा- स्कूल बंद करने की बजाय, उसमें सुधार करें और शिक्षा के स्तर को सही करें।

16 जिले, 34 स्कूल
ये सभी स्कूल 16 जिलों से आते हैं। इनमें कार्बी आंगलोंग जिले के 7 स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा जोरहाट और कछार से पांच-पांच स्कूल, बरी, गोलपारा, लखीमपुर, नागांव से दो-दो स्कूल, नलबाड़ी, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, चिरांग, दरांग गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार और डिब्रूगढ़ जिले की एक-एक स्कूल शामिल हैं।

500 से ज्यादा छात्र फेल
इस साल असम बोर्ड 10वीं के रिजल्ट का पासिंग प्रतिशत पिछले साल के मुकाबले काफी नीचे आ गया। साल 2021 में 93.10 प्रतिशत रिजल्ट था, जो इस बार 56.49 परसेंट ही रहा। बता दें कि पिछले साल कोरोना के चलते परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई थी। पिछले रिजल्ट्स और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया था। जिन 34 स्कूल को सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया है, उनके 500 से ज्यादा छात्र इस साल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम (SEBA) की तरफ से आयोजित बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए थे। लेकिन एक भी छात्र पास नहीं हो सके।

इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का क्या होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो स्कूल बंद किए जाएंगे या सरकार ने पहले बंद करने का फैसला लिया है, उन्हें आसपास के सरकारी स्कूलों में मिला दिया जाएगा। यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को उन्हीं स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। बता दें कि इस साल जून में हाईस्कूल का रिजल्ट खराब होने पर 102 स्कूलों को शो-कॉज नोटिस थमाया गया था। ये ऐसे स्कूल हैं जिनका रिजल्ट जीरो या 10 प्रतिशत से भी कम रहा। जून, 2022 में ही सरकार ने करीब 800 सरकारी स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया था। ये ऐसे स्कूल हैं, जहां 30 या उससे कम छात्र-छात्राएं हैं।

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