बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की एक बड़ी गलती से 400 M.Com छात्र फेल हो गए हैं। UUCMS पोर्टल पर डेज़र्टेशन और वाइवा के गलत अंक दर्ज होने से यह समस्या हुई। यूनिवर्सिटी ने जांच कर परिणाम सुधारने और 10-15 दिनों में समस्या हल करने का आश्वासन दिया है।
बेलगावी: बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की एक बड़ी गलती की वजह से, उससे जुड़े अलग-अलग कॉलेजों के 400 M.Com छात्र फाइनल सेमेस्टर के रिजल्ट में फेल हो गए हैं। इस घटना से छात्रों में बहुत गुस्सा और चिंता है। पता चला है कि यह गड़बड़ी परीक्षा विभाग की वजह से हुई है। दरअसल, कॉमर्स स्टडी सेंटर डिपार्टमेंट ने M.Com छात्रों के डेज़र्टेशन (प्रोजेक्ट वर्क) और वाइवा के रिजल्ट को उच्च शिक्षा विभाग के यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम (UUCMS) पोर्टल पर अपलोड करते समय गलत जानकारी दर्ज कर दी। इस वजह से, बिना किसी गलती के लगभग 400 छात्र फेल हो गए हैं, जिससे एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
यह समस्या सिर्फ यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों के छात्रों के साथ ही नहीं हुई है, बल्कि जानकारी मिली है कि खुद बेंगलुरु यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले M.Com छात्रों के रिजल्ट भी कॉमर्स सेंटर ने गलत तरीके से दर्ज किए हैं।
नियमों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ही एफिलिएटेड कॉलेजों के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करती है और उनका मूल्यांकन करती है। इसके बाद, रिजल्ट को बिना किसी गलती के UUCMS पर सावधानी से अपलोड करना संबंधित विभागों के प्रमुखों की जिम्मेदारी होती है। लेकिन, अलग-अलग कॉलेजों के शिक्षकों और मैनेजमेंट सूत्रों का कहना है कि कॉमर्स विभाग का रिजल्ट अपलोड करते समय, सभी छात्रों के लिए डेज़र्टेशन और वाइवा में एक जैसे नंबर अपलोड कर दिए गए। इस वजह से, जो 400 छात्र पास होने वाले थे, वे भी फेल हो गए।
कौन-कौन से कॉलेज हैं शामिल
मिली जानकारी के मुताबिक, जी.टी. कॉलेज, बीजीएसबी स्कूल कॉलेज, सेंट क्लैरेट कॉलेज, श्री वेदा कॉलेज, सौन्दर्य कॉलेज समेत कुछ और प्राइवेट कॉलेजों के छात्र फेल होने की चिंता में हैं। अब यह जांच के बाद ही पता चलेगा कि क्या विभाग ने सही रिजल्ट नहीं दिया या परीक्षा विभाग ने गलत नंबर अपलोड किए हैं।
आवाज उठाने पर एफिलिएशन रद्द करने की धमकी
सूत्रों ने बताया है कि जब यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से इस गलती के बारे में पूछा जाता है, तो वे लापरवाही से जवाब देते हैं। वे कहते हैं, 'यह हमारी गलती नहीं है, तकनीकी समस्या की वजह से ऐसा हुआ है। हम जांच करके इसे ठीक कर देंगे। इस मामले को किसी को न बताएं। अगर यह बात बाहर गई तो आपके कॉलेज का एफिलिएशन रद्द कर दिया जाएगा।' इस तरह की धमकियां दी जा रही हैं।
बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार (मूल्यांकन) चंद्रकांत ने क्या बताया…
तकनीकी समस्या की वजह से ऐसा हो सकता है। कभी-कभी जब कॉलेज छात्रों की अटेंडेंस, डेज़र्टेशन और वाइवा की जानकारी यूनिवर्सिटी को ठीक से नहीं देते, तब भी ऐसी समस्या होती है। 400 छात्रों के साथ समस्या होने की संभावना कम है। हम जांच करेंगे कि यह समस्या किस वजह से हुई है। कॉलेज के प्रिंसिपल और विभाग के प्रमुख को UUCMS पोर्टल पर रिजल्ट में सुधार के लिए अपील करनी चाहिए ताकि समस्या हल हो सके। इसमें 10 से 15 दिन लग सकते हैं। छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
(खबर इनपुट - लिंगराजू कोरा)
