सार

Bihar Teacher Recruitment Discrepancies 2023: बिहार में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, कई शिक्षकों ने CTET अनिवार्यता की अनदेखी की है और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है। दोषी शिक्षकों को हटाया जा रहा है।

Bihar Teacher Recruitment Discrepancies: 2023 के मध्य से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के जरिए बड़े पैमाने पर शिक्षक भर्ती की जा रही है, लेकिन इस प्रक्रिया में कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। कई शिक्षकों ने भर्ती की प्रक्रिया को धोखा देकर नौकरी प्राप्त कर ली है। अब विभाग उन शिक्षकों को बाहर करने की कोशिश कर रहा है जिनकी भर्ती नियमों के खिलाफ हुई है।

CTET में अनिवार्यता की अनदेखी

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में 60% अंक लाना अनिवार्य था, लेकिन राज्य के बाहर से आए कई शिक्षकों ने इस शर्त को पूरा नहीं किया। उनकी डॉक्यूमेंट्स की जांच चल रही है और हर दिन नए मामलों का खुलासा हो रहा है। जिन शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी पाई जा रही है, उन्हें जिलों से हटा दिया जा रहा है।

सटीक आंकड़े नहीं उपलब्ध

विभाग के पास उन शिक्षकों की सही संख्या नहीं है जो गड़बड़ी के कारण हटाए गए हैं या हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं। जिला स्तर पर सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है और पूरे आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। अधिकारी का कहना है कि संख्या सैकड़ों तक पहुंच सकती है।

पटना हाई कोर्ट की सख्ती

पटना हाई कोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार और BPSC को 8000 कंप्यूटर साइंस शिक्षकों की भर्ती के परिणाम और अतिरिक्त परिणामों को रद्द करने के लिए चार हफ्तों में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। ये शिक्षक TRE-1 के माध्यम से नियुक्त किए गए थे।

TRE-1 और TRE-2 के रिजल्ट

हाई कोर्ट ने TRE-3 की परीक्षा से एक दिन पहले TRE-1 के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट पब्लिश करने का आदेश दिया था। TRE-2 के रिजल्ट के लिए भी मांग उठ रही है। BPSC ने TRE-1 के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी किए हैं, लेकिन कई उम्मीदवारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

2006-2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों की जांच

विभाग 2006 से 2015 के बीच पंचायत-राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों की जांच कर रहा है। इनमें से लगभग 1.87 लाख ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त करने के लिए परीक्षा पास की है। बाकी को भविष्य में परीक्षा देनी है।

विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई

विजिलेंस ब्यूरो ने इस साल जुलाई तक 50 FIRs दर्ज की हैं, जिनमें से अधिकांश में फर्जी दस्तावेजों का पता चला है। 2015 में कोर्ट के आदेश के बाद से जांच चल रही है, लेकिन कई शिक्षकों की सेवानिवृत्ति और दस्तावेजों की कमी के कारण यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।

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