सार
बुधवार को आंध्र प्रदेश बोर्ड इंटरमीडिएट फर्स्ट एंड सेकेंड ईयर का रिजल्ट आया था। 11वीं में 61 प्रतिशत और 12वीं में 72 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। बोर्ड एग्जाम रिजल्ट आने के 48 घंटे के अंदर ही 9 छात्रों ने फेल होने या नंबर कम आने की वजह से जान दे दी है।
करियर डेस्क : आंध्र प्रदेश इंटर बोर्ड का रिजल्ट (AP Inter Result 2023) आने के 48 घंटे के भीतर ही 9 स्टूडेंट्स ने अपनी जान दे दी है। वहीं, दो ऐसे छात्र भी हैं, जिन्होंने खुदकुशी की कोशिश की है। बता दें बुधवार को आंध्र प्रदेश बोर्ड इंटरमीडिएट 11वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी किया गया था। इस परीक्षा में फेल होने और कम नंबर पाने की वजह से छात्रों ने सुसाइड का रास्ता चुना। घर वालों के मुताबिक, रिजल्ट आने के बाद से ही वे काफी उदास थे। इन घटनाओं के बाद एक बार फिर छात्रों के तनाव और परफॉर्मेंस प्रेशर पर चर्चा होने लगी है।
बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट, 48 घंटे और 9 सुसाइड
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 साल के बी तरुण ने श्रीकाकुलम में ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। वह दांदू गोपालपुरम गांव का रहने वाला था और 11वीं में ज्यादातर सब्जेक्ट में फेल हो गया था।
- मलकापुरम थाना क्षेत्र में आने वाले त्रिनादपुरम में 16 साल की छात्रा ने घर में ही खुदकुशी कर ली। वह विशाखापत्तनम की रहने वाली थी।
- अखिलश्री नाम की छात्रा 11वीं की परीक्षा में शामिल हुई थी। रिजल्ट आने के बाद वह कुछ विषयों में फेल हो गई थी और उदास थी। इसके बाद उसने आत्महत्या कर थी।
- विशाखापत्तनम के कंचारपालम में रहने वाले 18 साल के छात्र ने घर में ही फांसी लगा लिया। वह 12वीं क्लास का स्टूडेंट था और एक सब्जेक्ट में फेल हो गया था।
- चित्तूर में 17 साल की एक छात्रा भी परीक्षा में फेल हो गई थी और उसने झील में कूदकर अपनी जान दे दी।
- चित्तूर के ही एक 17 साल के छात्र ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया। घर वालों के मुताबिक, परीक्षा में फेल होने के बाद से ही वह काफी परेशान था।
- अनाकापल्ली में में भी इसी तरह का एक हादसा हुआ। 17 साल के छात्र की लाश घर पर फंदे से लटकती मिली। कम नंबर पाने के बाद से ही वह तनाव और प्रेशर में था।
- तीन और छात्रों ने एग्जाम में फेल होने या कम नंबर आने की वजह से अपनी जान दी है। हालांकि, अभी तक उनकी डिटेल्स नहीं मिल पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो छात्रों ने सुसाइड का कोशिश किया है, उन्हें बचा लिया गया है।
छात्रों का सुसाइड चिंता का विषय
बता दें कि कुछ दिन पहले ही CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने स्टूडेंट्स के सुसाइड की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि छात्रों को माता-पिता का सोचकर दिल दुखता है। इससे बाहर आने की जरूरत है। समझने की आवश्यकता है कि आखिर हमारी कौन सी गलती की वजह से छात्रों को जान देनी पड़ रही है।
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