सार

वनरक्षक भर्ती की दौड़ में कुल 61 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसी में ग्वालियर के डबरा का एक 21 साल का लड़का भी था। जो दौड़ में तो सबसे आगे था लेकिन आराम करने के चक्कर में हाथ से सरकारी नौकरी गंवा बैठा।

करियर डेस्क : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) में कछुआ और खरगोश के रेस की कहानी हकीकत में बदल गई है। बचपन में जिस कहानी को आप कई बार सुन चुके होंगे, वह अब आपके सामने हैं। दरअसल, बात ऐसी है कि खंडवा में वनरक्षक भर्ती की दौड़ चल रही थी। सभी अभ्यर्थियों को 4 घंटे में 24 किलोमीटर की दौड़ लगानी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दौड़ में कुल 61 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें ग्वालियर के डबरा का 21 साल का पहाड़ सिंह भी था। इसके बाद जो हुआ वह बेहद हैरान करने वाला था।

दौड़ में सबसे आगे था पहाड़ सिंह, सड़क किनारे सो गया

हुआ यूं कि पहाड़ सिंह ने 21 किमी की दौड़ सिर्फ तीन घंटे में ही पूरा कर चुका था। जब वह पीछे मुड़ा तो उसे कोई अभ्यर्थी नहीं दिखाई दे रहा था। उसे लगा कि अभी तो सभी बहुत पीछे हैं तो क्यों न थोड़ी देर आराम कर लिया जाए, इसके बाद बाकी के तीन किलोमीटर की दौड़ भी पूरी हो जाएगी। यही सोचकर पहाड़ सिंह सड़क किनारे डंपर की आड़ में लेट गया। उसे ऐसी नींद आई कि दौड़ खत्म हो गई और वह सोता रहा।

जब नींद खुली तो दौड़ खत्म हो चुकी थी

जब दौड़ खत्म हो गई तो पहाड़ सिंह उसमें नहीं दिखा। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने अभ्यर्थियों की गिनती की। पहाड़ सिंह को न पाकर उसकी तलाश शुरू हुई। वन विभाग की टीम को वह सड़क किनारे सोता हुआ मिला। पहाड़ सिंह को जब जगाया गया तो दौड़ खत्म हो चुकी थी और उसके हाथ से नौकरी चली गई थी। अगर वह थोड़ी देर और आराम कर लेता तो सरकारी नौकरी आराम से पास कर लिया होता।

38 वैकेंसी, 51 अभ्यर्थी पास

दरअसल, वनरक्षक भर्ती की इस दौड़ में कुल 51 अभ्यर्थी पास हुए हैं। डीएफओ देवांशु शेखर की तरफ से बताया गया कि यह भर्ती दौड़ आदिम जनजाति वर्ग के लिए रखी गई थी। जिसके माध्यम से खंडवा जिले में कुल 38 पद भरे जाने हैं।

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