सार
नए नियम के आने से बिहार की सभी यूनिवर्सिटी में एक साथ एडमिशन होगा और एक साथ ही सिलेबस कंप्लीट कराया जाएगा। फॉर्म भरने से लेकर एग्जाम और रिजल्ट तक सबकुछ एक साथ ही होगा। इसकी टाइमलाइन राजभवन से तय होगी।
करियर डेस्क : बिहार (Bihar) में अब तीन साल का नहीं चार साल का ग्रेजुएशन (4 Years Graduation in Bihar ) होगा। हाई लेवल की बैठक में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) ने आदेश जारी कर दिया है। मतलब नए सत्र 2023-2027 से राज्य के सभी यूनिवर्सिटीज में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत से चार साल का यूजी कोर्स शुरू हो जाएगा। इसको लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है। इस कोर्स में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CSBS) लागू होगा।
सभी विश्वविद्यालयों में एक साथ होगा एडमिशन
राज्यपाल की तरफ से जो निर्देश जारी किया गया है, उसके मुताबिक, इस साल से शुरू हो रहे सत्र में बिहार में यूनिवर्सिटी लेवल पर ही एडमिशन होगा। एक ही समय पर सभी विश्वविद्यालय में एडमिशन और बाकी की प्रक्रियाएं पूरी होंगी। राजभवन की तरफ से टाइमलाइन तय की जाएगी। इसका मतलब यह हुा कि सभी यूनिवर्सिटी में एक साथ एडमिशन होगा और एक साथ ही सिलेबस कंप्लीट कराया जाएगा। फॉर्म भरने से लेकर एग्जाम और रिजल्ट तक सबकुछ एक साथ होगा।
CSBS से क्या छात्रों को कितना फायदा
- अभी तक बिहार में अलग-अलग यूनिवर्सिटी में अलग-अलग समय पर एडमिशन और एग्जाम होते थे। कई यूनिवर्सिटीज में कोर्स का समय भी कम-ज्यादा होता है। ऐसे में सेशल लेट होने और कई तरह की समस्याओं से छात्र बच जाएंगे।
- राज्यपाल के निर्देश के अनुसार, नए सत्र से नामांकन की केंद्रीकृत प्रक्रिया अपनाई जाएगी। मतलब छात्र को सिर्फ एक ही एडमिशन करना होगा और वहीं, से उनका एडमिशन किसी भी विश्वविद्यालय में हो जाएगा।
बैठक में कौन-कौन शामिल
इस बैठक में राज्यपाल के फैसले पर हर किसी ने अपनी सहमति जताई है। इस बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव वैद्यनाथ यादव, राज्यपाल सचिव रॉबर्ट एल चोंग्शू मौजूद रहें। बैठक में राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों को एकेडमिक कैलेंडर बनाने को कहा है। यूनिवर्सिटी में आधारभूत संरचना और शिक्षकों की संख्या पर भी अभी विचार किया जाएगा।
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