IT जॉब छोड़ रूस में सड़क साफ कर रहा भारतीय इंजीनियर, जानें अब कितना कमाता है?
IT Professional Street Cleaning Job Russia: रूस में कई भारतीय प्रवासी सड़क सफाई का काम कर रहे हैं। इन्हीं में सॉफ्टवेयर डेवलपर मुकेश मंडल भी शामिल हैं, जो पहले माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं और अब रूस में सफाई कर्मचारी हैं। जानिए

विदेश में नौकरी का मतलब सिर्फ हाई सैलरी टेक जॉब नहीं
आज जब ज्यादातर लोगों के लिए विदेश में नौकरी का मतलब है, हाई सैलरी, ऑफिस या टेक जॉब। ऐसे समय में 26 साल के मुकेश मंडल और उनके साथ आए 16 भारतीय युवाओं ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। ये युवा भारत में सॉफ्टवेयर डेवलपर, आर्किटेक्ट, वेडिंग प्लानर, ड्राइवर या छोटे व्यवसायी थे, लेकिन अब ये रूस की सड़कों की सफाई कर रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर डेवलपर थे अब रूस में सफाई कर्मचारी
करीब 4 महीने पहले रूस आए 17 भारतीयों में 26 साल के मुकेश मंडल भी हैं। मुकेश पहले सॉफ्टवेयर डेवलपर थे और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), चैटबॉट और GPT जैसे नए टूल्स का इस्तेमाल किया है। लेकिन अब वे सेंट पीटर्सबर्ग की सड़कें साफ करते नजर आ रहे हैं।
पैसे कमा कर भारत लौटने की है योजना
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुकेश ने रूसी मीडिया फोंटांका से बात करते हुए कहा कि यह काम उनके लिए अस्थायी है और जब आर्थिक जरूरत पूरी हो जाएगी, तो वे वापस भारत लौट जाएंगे। वे कहते हैं काम भगवान का रूप है। आप कहीं भी काम कर सकते हैं, सड़क पर, शौचालय में या ऑफिस में। इसे ईमानदारी से करना ही मेरा कर्तव्य है।
कितनी मिल रही सैलरी?
रूस में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे, ये भारतीय श्रमिक 19 से 43 साल की उम्र के हैं और अलग-अलग पेशों से आते हैं। इस ग्रुप में वेडिंग प्लानर, चमड़ा कारीगर, ड्राइवर, आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल भी शामिल हैं। ये कोलोम्याज्स्कोये कंपनी के माध्यम से रूस में काम करने आए हैं, जो उनके रहने और खाने का खर्च भी उठा रही है। यहां हर कर्मचारी को करीब 1 लाख रूबल मिलते हैं, जो लगभग 1.1 लाख रुपये के बराबर है।

