सार
परीक्षाओं में सफलता के लिए मुहावरों की गहरी समझ जरूरी है। ये मुहावरे न सिर्फ भाषा को समृद्ध बनाते हैं, बल्कि आपकी समझ को भी गहरा करते हैं। आइए जानें कुछ चुनिंदा मुहावरों के अर्थ।
प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी भाषा का ज्ञान न केवल शब्दावली बल्कि मुहावरों और उनके गहरे अर्थ को समझने में भी होता है। हिंदी मुहावरे हमारी भाषा को प्रभावशाली और सजीव बनाते हैं, जिससे संवाद अधिक रोचक और सटीक होते हैं। परीक्षा में मुहावरों का सही ज्ञान आपकी भाषा पर पकड़ और समझ का परिचय देता है। यहां कुछ कठिन और महत्वपूर्ण मुहावरे दिए गए हैं, जो न केवल आपकी परीक्षा की तैयारी को बेहतर बनाएंगे बल्कि आपकी समझ को और गहराई देंगे।
मुहावरा- "खाली बर्तन ज्यादा शोर करता है"
मुहावरे का अर्थ - अधूरे ज्ञान वाला व्यक्ति अधिक शेखी बघारता है। इसका मतलब है कि जिनके पास ज्ञान या योग्यता नहीं होती, वे ज्यादा डींगे मारते हैं। यह उन लोगों पर लागू होता है जो अपने बारे में बढ़-चढ़कर बोलते हैं, जबकि उनकी जानकारी और समझ सीमित होती है।
मुहावरा- "काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती"
मुहावरे का अर्थ - धोखा या चालाकी बार-बार सफल नहीं होती। यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग होता है, जब किसी व्यक्ति ने एक बार चालाकी या धोखा देकर लाभ उठा लिया हो, परंतु वह बार-बार ऐसा नहीं कर सकता। इसका तात्पर्य है कि एक ही तरीका कई बार सफल नहीं हो सकता, जैसे कि किसी परीक्षा में नकल करने का प्रयास बार-बार नहीं हो सकता।
मुहावरा- "नेकी कर दरिया में डाल"
मुहावरे का अर्थ - अच्छे कार्य करके भूल जाना। इसका मतलब है कि किसी को सहायता करते समय उस मदद का एहसान नहीं जताना चाहिए। यह सीख देता है कि किसी को बिना किसी स्वार्थ के मदद करनी चाहिए और फिर उसे भुला देना चाहिए।
मुहावरा- "जितने मुंह उतनी बातें"
मुहावरे का अर्थ - अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार। इसका मतलब है कि हर व्यक्ति का सोचने और कहने का तरीका अलग होता है। जब किसी मुद्दे पर कई लोग अपनी राय देने लगते हैं, तो उस पर अलग-अलग बातें सुनने को मिलती हैं, जो कभी-कभी असमंजस पैदा करती हैं।
मुहावरा- "खेल खत्म, पैसा हजम"
मुहावरे का अर्थ - काम खत्म होते ही लाभ लेना। जब कोई व्यक्ति काम पूरा होते ही लाभ प्राप्त कर ले और फिर अपना बचाव कर ले, तब यह मुहावरा उपयोग होता है। जैसे कोई व्यक्ति किसी कार्य को अंजाम देकर उससे मुनाफा उठाए और फिर वहां से किनारा कर ले।
मुहावरा- "गंगा गए तो गंगादास, जमुना गए तो जमुनादास"
मुहावरे का अर्थ - हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेना। यह मुहावरा उन लोगों के लिए उपयोग होता है, जो अवसर के अनुसार अपना पक्ष बदल लेते हैं। इसका मतलब है कि व्यक्ति हर स्थिति में अपने फायदे के अनुसार खुद को ढाल लेता है, भले ही वह अपने मूल सिद्धांतों के विपरीत क्यों न हो।
ये भी पढ़ें
आप जानते हैं "बातों का रंग बदलना" का मतलब? इन 8 मुहावरों की मीनिंग है जबरदस्त
चाणक्य नीति: इन 10 बातों में न करें जल्दबाजी, सब्र रखना है जरूरी