कंपीटिटव एग्जाम्स में अक्सर कठिन क्षेत्रीय मुहावरे पूछे जाते हैं। इन मुहावरों के सही अर्थ को समझना परीक्षा में सफलता के लिए जरूरी है। जानिए कुछ ऐसे ही मुहावरों के बारे में विस्तार से।

कंपीटिटव एग्जाम्स की तैयारी में अक्सर कठिन और क्षेत्रीय मुहावरे सामने आते हैं, जो न केवल भाषा की समझ को चुनौती देते हैं, बल्कि उनकी गहरी और सांस्कृतिक जड़ों को भी उजागर करते हैं। इन मुहावरों के सही अर्थ को समझना और उन्हें सही संदर्भ में उपयोग करना जरूरी है। यह मुहावरे सामान्य जीवन की घटनाओं, रिश्तों और संघर्षों से जुड़े होते हैं, जो किसी भी परीक्षा के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। जानिए कुछ कठिन क्षेत्रीय मुहावरों के अर्थ विस्तार से, जो कंपीटिटव एग्जाम्स में पूछे जा सकते हैं।

मुहावरा- "अंगूरी खाए और मोल न दे"

मुहावरे का अर्थ: बिना बदले कुछ लेना और फायदा उठाना। इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी से कुछ लिया जाए, लेकिन उसके बदले में उसे कुछ नहीं दिया जाए। यह तब उपयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने फायदे के लिए दूसरों का शोषण करता है, लेकिन उसे धन्यवाद भी नहीं देता।

मुहावरा- "पानी के जले को आग से सेंकना"

मुहावरे का अर्थ: किसी की मुसीबत को और बढ़ाना। इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की कठिनाई या समस्या में और भी वृद्धि करना। इसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी के दुख को और बढ़ा दिया जाए, जिससे वह और भी ज्यादा तकलीफ में आ जाए।

मुहावरा- "जितना गुड़, उतना मीठा"

मुहावरे का अर्थ: परिणामों के हिसाब से मूल्य का आकलन करना। इसका अर्थ है कि किसी चीज की अच्छाई या मिठास उसके आकार या रूप के अनुसार होती है। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी को किसी काम के परिणामों के बारे में बताया जाता है। इसका उपयोग यह बताने के लिए भी किया जाता है कि परिणामों को देखकर ही किसी चीज की गुणवत्ता को पहचाना जा सकता है।

मुहावरा- "धार पड़ी तो लाठियां भी गल जाती हैं"

मुहावरे का अर्थ: कठिनाई से संघर्ष करके सफलता पाना। यह मुहावरा तब इस्तेमाल किया जाता है जब कोई व्यक्ति कठिन परिस्थितियों से गुजरने के बाद अपने उद्देश्यों में सफल हो जाता है। इसका मतलब है कि कठिनाई आने पर आदमी की मेहनत और संकल्प मजबूत हो जाती है और वह किसी भी मुसीबत का सामना करने के लिए तैयार रहता है।

मुहावरा- "किसी की धुलाई करना"

मुहावरे का अर्थ: किसी को कठिनाई या सजा देना। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रूप से अत्यधिक परिश्रम या कठिनाई का सामना कराया जाता है। इसे किसी को सजा देने या कठोर मेहनत करने के संदर्भ में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

मुहावरा- "नकली चूड़ियां नहीं बिकतीं"

मुहावरे का अर्थ: दिखावा और झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिकते। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी असली पहचान या गुण छुपाकर दिखाने की कोशिश करता है। इस मुहावरे का मतलब है कि नकली या दिखावे की चीजें जल्दी पकड़ में आ जाती हैं और अधिक समय तक नहीं चलतीं।

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