सार

UPSC Success Story: गरीबी से जूझते हुए, सफीन हसन ने UPSC परीक्षा पास कर 22 साल की उम्र में IPS बनकर इतिहास रचा। दुर्घटना में घायल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा किया।

UPSC Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) को भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिना जाता है। यह परीक्षा सिर्फ कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के जरिए ही पास की जा सकती है। ऐसी ही एक कहानी है गुजरात के छोटे से गांव के सफीन हसन की, जिन्होंने संघर्षों और मुश्किल हालातों के बावजूद देश के सबसे युवा IPS अफसर बनने का गौरव हासिल किया।

नौकरी गई तो पिता ने लगाया अंडों का स्टॉल

जुलाई 1995 में जन्मे सफीन हसन का बचपन आर्थिक तंगी के बीच बीता। उनके माता-पिता एक डायमंड यूनिट में काम करते थे, लेकिन साल 2000 में वे अपनी नौकरी गंवा बैठे। इसके बाद उनकी मां दूसरों के घरों में रसोई का काम करने लगीं और उनके पिता ईंट ढोने का काम करने लगे। घर का खर्च चलाने के लिए दोनों ने मिलकर उबले अंडों का स्टॉल भी लगाया।

स्कूल में एक कलेक्टर के दौरे से जगा सफीन का सपना

सफीन का सपना तब जगा जब उनके स्कूल में एक कलेक्टर का दौरा हुआ। कलेक्टर को देखकर सफीन ने ठान लिया कि उन्हें भी ऐसा ही सम्मान हासिल करना है। उनकी पढ़ाई में कई आर्थिक मुश्किलें आईं, लेकिन उनके स्कूल ने उनकी 11वीं और 12वीं की फीस माफ कर दी। बाद में, इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस भरने में उनके रिश्तेदारों ने मदद की।

यूपीएससी परीक्षा के दिन सड़क दुर्घटना में हुए घायल

2017 में जब सफीन यूपीएससी की परीक्षा देने जा रहे थे, तभी एक सड़क दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें कई फ्रैक्चर हुए और तत्काल सर्जरी की जरूरत पड़ी। लेकिन सफीन ने अस्पताल से सीधे परीक्षा केंद्र जाने का फैसला किया। घायल हालत में उन्होंने परीक्षा दी और फिर सर्जरी करवाई।

570वीं रैंक और IPS का सफर

सफीन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 570वीं ऑल इंडिया रैंक (AIR) हासिल की। मात्र 22 साल की उम्र में उन्होंने IPS अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया। उनकी यह जीत न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई।

सपने सच करने की मिलती है प्रेरणा

सफीन हसन की कहानी साबित करती है कि अगर आपके सपने बड़े हैं और आप उन्हें पूरा करने का दृढ़ संकल्प रखते हैं, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। गरीबी, चोट और संघर्ष कुछ भी उनकी राह का रोड़ा नहीं बन सका। आज सफीन हसन न केवल एक सफल अफसर हैं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो अपने हालातों से जूझ रहे हैं।

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