Famous Indian Teachers: शिक्षक दिवस 2025 पर जानिए भारत के 7 प्रेरणादायक शिक्षकों के बारे में, जिन्होंने अपने पढ़ाने के दिलचस्प अंदाज और समर्पण से लाखों छात्रों की जिंदगी बदली दी। इन्होंने टीचिंग को एक करियर नहीं बल्कि अपना मिशन माना।
Teachers Day 2025: हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम सभी अपने जीवन के उन गुरुओं को याद करते हैं और उनका आभार जातते हैं, जिन्होंने हमें सही राह दिखाई। लेकिन कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जिनकी कहानियां सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने अपने संघर्ष, त्याग और जज्बे से लाखों बच्चों का भविष्य बदला है। ये वही लोग हैं जो शिक्षा को सिर्फ करियर नहीं, बल्कि मिशन मानते हैं। जानिए ऐसे 7 महान शिक्षकों के बारे में, जिन्होंने अपने दम पर समाज में नई रोशनी फैलाई।
डॉ एचसी वर्मा: फिजिक्स के जादूगर
अगर आपने कभी फिजिक्स पढ़ी है तो कॉन्सेप्ट ऑफ फिजिक्स किताब का नाम जरूर सुना होगा। यही वो किताब है जिसने हजारों बच्चों को इंजीनियर बना दिया। दरभंगा, बिहार से निकलकर डॉ हरीश चंद्र वर्मा IIT कानपुर के प्रोफेसर बने और 2021 में पद्मश्री सम्मान भी मिला। आज भी बच्चे उन्हें प्यार से एचसी वर्मा सर कहते हैं।

आनंद कुमार: सुपर 30 वाले सर
पटना के आनंद कुमार ने गरीब बच्चों के सपनों को हकीकत में बदला। उनकी सुपर 30 क्लास से निकलकर सैकड़ों छात्र IIT तक पहुंचे। उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म सुपर 30 बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो तो मुश्किलें भी रास्ता नहीं रोक पातीं।

आरके श्रीवास्तव: एक रुपये की गुरु दक्षिणा लेने वाले शिक्षक
बिहार के मशहूर मैथ्स गुरु आरके श्रीवास्तव ने गरीब छात्रों से सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर 950 से ज्यादा बच्चों को IITian बनाया। पाइथागोरस प्रमेय को 50 तरीकों से हल करने वाले इस शिक्षक का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।

खान सर: कठिन टॉपिक को भी मजेदार बना देने वाले टीचर
अपने मजाकिया अंदाज और आसान तरीके से पढ़ाने की वजह से खान सर हर छात्र के फेवरेट टीचर बन चुके हैं। वे कठिन से कठिन टॉपिक को भी इतने मजेदार तरीके से समझाते हैं कि पढ़ाई बोझ नहीं, मजा लगती है। पटना में उनका कोचिंग सेंटर हजारों बच्चों की पढ़ाई का ठिकाना है। वे सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। खान सर के YouTube चैनल "खान जीएस रिसर्च सेंटर" के 24 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। खास बात ये है कि वे हमेशा कम फीस लेकर बच्चों को बेहतर शिक्षा देते हैं, ताकि हर कोई पढ़ाई से जुड़ सके।

अलख पांडेय: NEET और JEE के छात्रों की पहली पसंद
अलख पांडेय का सपना था कि वे IIT से इंजीनियर बनें, लेकिन JEE में सफलता नहीं मिली। हार मानने के बजाय उन्होंने नई राह चुनी और तय किया कि वे खुद शिक्षक बनेंगे। यही फैसला उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। 2016 में उन्होंने "Physics Wallah" नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया। शुरुआत में व्यूज बहुत कम आए, लेकिन अपने मजेदार और आसान अंदाज की वजह से धीरे-धीरे लाखों स्टूडेंट्स उनसे जुड़ते गए। 2018 में उन्होंने Physics Wallah ऐप लॉन्च किया, जिसने सस्ते दाम पर अच्छे कंटेंट के जरिए गांव से लेकर शहर तक के बच्चों तक शिक्षा पहुंचाई। आज अलख पांडेय सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और दुबई तक पढ़ाई का नाम बन चुके हैं। उनकी क्लासेज और वीडियो दुनियाभर के छात्रों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने साबित किया कि सही इरादा और ईमानदारी से पढ़ाई कराई जाए तो शिक्षा हर किसी तक पहुंच सकती है। खासतौर पर NEET और JEE के छात्रों के बीच वे बेहद पॉपुलर हैं।

अवध ओझा: इतिहास के मास्टर
अवध ओझा (Avadh Ojha) का नाम आज UPSC की तैयारी करने वाले हर छात्र के बीच जाना-पहचाना है। इतिहास पढ़ाने में उनकी पकड़ गजब की है और पढ़ाने का तरीका इतना दिलचस्प है कि बच्चे बोर नहीं होते। क्लासरूम हो या यूट्यूब चैनल, वे हर जगह अपने अलग अंदाज से छात्रों को जोड़ते हैं।

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विकास दिव्यकीर्ति सर: यूपीएससी के छात्रों के बेस्ट शिक्षक और मोटिवेटर
डॉ विकास दिव्यकीर्ति सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा का दूसरा नाम हैं। वे अपने कोचिंग संस्थान के जरिए हजारों बच्चों को पढ़ाते हैं। उनकी खासियत है उनकी आसान भाषा और जीवन से जुड़े उदाहरण, जिनसे बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ लाइफ लेसन भी सीखते हैं। पढ़ाने के अलावा वे छात्रों को मोटिवेट करने और सही दिशा दिखाने के लिए भी जाने जाते हैं। उनके वीडियो खूब वायरल होते हैं।

बाबर अली: दुनिया के सबसे युवा हेडमास्टर
सोचिए, जब हम 9 साल की उम्र में खेलते हैं, उस उम्र में कोई स्कूल चलाए तो? पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बाबर अली ने यही कर दिखाया। महज़ 9 साल की उम्र से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और आज 32 साल की उम्र में अपने स्कूल में 500 से ज्यादा गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उनके इस काम के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं।

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